राज्य का कोई भी दल चुनाव के पक्ष में नहीं ईश्वरप्पा ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अभी तक राज्य में स्कूल भी नहीं खुले हैं। ऐसे में ग्राम पंचायतों के चुनाव कराना घातक साबित हो सकता है। केवल भाजपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस तथा जनता दल-एस भी चुनाव कराने के पक्ष में नहीं हैं। जिला प्रशासन भी चुनाव के लिए तैयार नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता भी चुनाव नहीं चाहते हैं। लिहाजा राज्य सरकार ने इस चुनाव को लेकर अपना पक्ष रखा है।
उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर न्यायपालिका तथा आयोग का फैसला ही अंतिम होगा। राज्य सरकार की ओर से शीघ्र ही चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंप कर चुनाव टालने की की जाएगी। चुनाव टालना बेहतर
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने कहा कि कोरोना महामारी पर अभी तक काबू पाना संभव नहीं हुआ है। साथ में शीतकाल के दौरान यह महामारी कैसा रूप धारण करेगी, इस बात को लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं होने के कारण अगले वर्ष मार्च माह तक नगर निकाय तथा पंचायतों के चुनाव टालना बेहतर होगा।सामाजिक स्वास्थ्य भी जरूरीउन्होंने कहा कि चुनाव जरूरी हैं लेकिन हमें सामाजिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा।
चुनाव प्रचार के दौरान सामाजिक दूरी समेत प्रशासन की ओर से जारी कई दिशा-निर्देशों का पालन करना संभव नहीं होने के कारण चुनाव प्रक्रिया को टालना ही बेहतर होगा। चुनाव के बहाने लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना तार्किक नहीं है। विधान परिषद के 4 क्षेत्र तथा सिरा एवं आर आर नगर क्षेत्र के उपचुनाव में रोड शो तथा चुनाव प्रचार सभा के दौरान उमड़ रही अनियंत्रित भीड़ हमने देखी है। लिहाजा, हमें नगर निकाय तथा ग्राम पंचायतों के चुनाव कुछ समय के लिए टालने होंगे।