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रिश्वत लेते दो सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार

locationबैंगलोरPublished: Sep 02, 2018 10:55:42 pm

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

रिश्वत लेते दो सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार

रिश्वत लेते दो सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार

बेंगलूरु. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। बेलगावी जिले में एसीबी अधिकारियों ने एक किसान से 2,000 रुपए रिश्वत लेते समय चिक्कोडी तहसील हिरेकोडी गांव के ग्राम लेखाधिकारी सुनील अण्णा साब को गिरफ्तार किया।


एसीबी अधिकारियों के अनुसार हिरेकोडी गांव का एक किसान अपनी भूमि पुत्र के नाम करने के लिए ग्राम पंचायत कार्यालय में अर्जी दाखिल की थी। सुनील ने दस्तावेजों में पुत्र के नाम करने के लिए किसान से पांच हजार रुपए रिश्वत की मांग की। सौदा दो हजार रुपए में तय हुआ। किसान ने शनिवार सुबह एसीबी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। शनिवार शाम कार्यालय में किसान से रिश्वत लेते समय सुनील को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ चिक्कोडी ग्रामीण पुलिसथाने में मामला दर्ज किया गया है।


उधर, बल्लारी जिले मेें अधिकारियों ने किसान से ५,००० रुपए रिश्वत लेते समय सन्डूर स्थित गुलबर्गा बिजली आपूर्ति कंपनी (गेसकॉम) उप संभाग के सहायक कार्यकारी अभियंता व प्रभारी सेक्शन अधिकारी वेंकटेश को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।


एसीबी अधिकारियों ने बताया कि संडूर निवासी एक किसान ने खेत में नलकूप खुदाया था। नलकूप को मोटर पंप जोडऩे के लिए बिजली का संपर्क देने के सिलसिले में गेसकॉम कार्यालय में अर्जी दाखिल की थी।


आरोपी वेंकटेश ने बिजली का संपर्क देने के लिए ५,००० रुपए की मांग की थी। किसान ने एसीबी पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। शनिवार शाम सरकारी कार्यालय में रिश्वत लेते समय वेंकटेश को गिरफ्तार किया और सन्डूर टाउन पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया।


अलग राज्य की मांग को लेकर २३ को धरना-प्रदर्शन की चेतावनी
बेंगलूरु. उत्तर कार्नटक संघर्ष समिति ने फिर अलग राज्य की मांग को लेकर २३ सितम्बर को धरना, प्रदर्शन की चेतावनी दी है। इससे पहले विभिन्न संगठनों के साथ बागलकोट में एक बैठक होगी।


समिति के अध्यक्ष भीमप्पा जी.डी. ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गत दो सालों से अलग राज्य की मांग को लेेकर हस्ताक्षर अभियान जारी है। अभी तक ६६ लाख लोग हस्ताक्षर कर चुके हैं, जिनमें से नब्बे फीसदी लोगों ने अलग राज्य की इच्छा व्यक्त की है।


गत ३१ जुलाई को उत्तर कर्नाटक के मठों के प्रमुखों ने भी अलग राज्य की मांग को लेकर सांकेतिक धरना दिया था। हालांकि, मठ प्रमुखों का समिति से कोई संबंध नहीं है। उस समय मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने १५ दिनों के अंदर सभी मांगों को पूरा करने का आश्वान दिया था। तब से एक माह का समय गुजर गया और मुख्यमंत्री अपना वादा पूरा करने में विफल रहे हैं। उन्होंंने कहा कि कर्नाटक एकीकरण को ६३ साल बीत गए फिर भी उत्तर कर्नाटक के जिले सभी क्षेत्रों में पीछे हैं।

कृषि, शिक्षा, सिंचाई, साहित्य, संस्कृति, स्वास्थ्य, प्रशासन, सडक़ें, परिवहन, रेल उद्योग, मीडिया, फिल्म उद्योग, पर्यटन, उद्योग, राजनीति, युवा और महिला सशक्तिकरण आदि क्षेत्रों मेंं इस क्षेत्र के साथ पक्षपात हुआ।


हर एक सरकारी काम के लिए सैंकड़ों किलोमीटर दूूर सफर करना पड़ता है। उत्तर कर्नाटक के कई प्रमुख कार्यालय बेंगलूरु और अन्य जिलों में स्थान्तरित किए गए हैं। कुमारस्वामी को केवल हासन, बेंगलूरु, मंड्या, मैसूरु और रामनगर जिले के विकास की चिंता है। कुमारस्वामी ने एक बार उत्तर कर्नाटक का दौरा किया है, उन्हें हर माह के १५ दिन उत्तर कर्नाटक में रहना होगा। अनुदान जारी करने के विषय में भी सौतेल रवैया अपनाया जा रहा है। इस अवसर पर समिति के महा सचिव नागेश गोलाशेट्टी, उपाध्यक्ष अहमद रसूल, मंजुनाथ और कई पदाधिकारी उपस्थित थे।

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