जैसे ही लड़की की मॉर्फ की हुई तस्वीर सोशल मीडिया पर फैलनी शुरू हुई, लड़की खुद नंजनगुड़ थाने जा पहुंची और पुलिस को बताया कि उसे कुछ नहीं हुआ है। वह पूरी तरह स्वस्थ है। उसके बारे में सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही जानकारी पूरी तरह असत्य है।
पुलिस ने जब इस बात की जांच शुरू की तो सोशल मीडिया की पोस्ट के जरिये दोनों आरोपियों को ढूंढ लिया गया। पुलिस ने बताया कि उनसे पूछताछ में पता चला है कि उन्होंने निजी कारणों के चलते लड़की के बारे में गलत जानकारी देने वाली खबर जान बूझकर फैलाई।
जब इस मामले की सूचना चामराजनगर के जिला उपायुक्त एमआर रवि को दी गई तो उन्होंने जिला स्वास्थ्य अधिकारी को पुलिस में इस संबंध में एक शिकायत दर्ज कराने को कहा। उस शिकायत के आधार पर चामराजनगर पुलिस ने नागेंद्र और लोकेश को गिरफ्तार कर लिया।
मीडिया को भी दी चेतावनी इस बीच मैसूरु जिला प्रशासन ने मीडिया को चेतावनी दी है कि वे कोविड 19 के किसी भी मरीज की तस्वीर लेने या वीडियो बनाने की कोशिश नहीं करें। जिला प्रशासन ने एक बयान में कहा है कि किसी भी व्यक्ति का टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने की सूचना सरकार की ओर से दी जाएगी। किसी भी गैर सरकारी स्रोत से मिली जानकारी को कोई प्रकाशित या प्रसारित नहीं करे।
जिला प्रशासन ने पत्रकारों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने किसी संदिग्ध मरीज का इंटरव्यू किया, उसकी तस्वीरें लीं या वीडियो बनाए, तो उन्हें 14 दिन के लिए घर में ही बंद कर दिया जाएगा।