सफारी के निदेशक मुकुंद चंद्रा ने बताया कि सफारी में वन्यजीवों की संख्या बढऩे से पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है। 14 काले हिरण (Blackbuck), दो अजगर (Python), तीन जंगली भैंस और आठ नीलगाय सहित कई अन्य पक्षी और वन्यजीवों को सफारी का हिस्सा बनाया गया है। शेरों की संख्या बढ़ाने की भी योजना है।
चंद्रा ने बताया कि चिडिय़ाघर में सैकड़ों एकड़ जमीन खाली पड़ी है, इसलिए चिडिय़ाघर का विस्तार भी किया जा रहा है। केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण ने हाल ही में मास्टर प्लान स्वीकृत किया है। पर्यटक चाहें तो एक दिन के लिए भी किसी वन्यजीव को गोद ले सकते हैं। उन्हें संबंधित वन्यजीव के एक दिन के भोजन का खर्च उठाना पड़ता है। कई पर्यटक इसके लिए आगे भी आए हैं। चिडिय़ाघर में पर्यटकों को जन्मदिन और विवाह की वर्षगांठ आदि मनाने की भी छूट है।
एक पर्यटक अम्बिका ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे का जन्मदिन यहीं मनाया। एक वन्यजीव को एक दिन के लिए गोद भी लिया। पर्यटक प्रिया ने कहा कि चिडिय़ाघर और सफारी में आए बदलाव से वे अचंभित हैं। वन्यजीवों के बेहतर रखरखाव, खानपान, देखभाल और सफाई से यहां का नजारा ही कुछ और है। जबकि पहले ऐसा नहीं था।