राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार हत्या के पीछे किसी बड़ी साजिश का संदेह है। यूएपीए के प्रावधान आम तौर पर उन मामलों में लागू होते हैं जहां राष्ट्रीय अखंडता को लक्षित करने की साजिश का संदेह होता है। यूएपीए सामान्य मामलों में 30 दिनों तक के लिए आरोपी को पुलिस हिरासत में रखा जा सकता है। यह कानून सख्त माना जाता है और इसके तहत जमानत मिलना भी मुश्किल हो जाता है।
बताया जाता है कि हर्ष की हत्या उन लोगों के एक समूह ने की थी, जिनके साथ 2016 से उसका कथित तौर पर झगड़ा था।
अपराध के आरोप में गिरफ्तार किए गए 10 लोगों में से एक 30 वर्षीय मोहम्मद काशिफ 2017 में हर्ष के साथ जेल में था। कथित तौर पर उसकी सहयता करने वाले कई अन्य आरोपियों के खिलाफ मारपीट, चोरी और डकैती के कई मामले हैं।
अपराध के आरोप में गिरफ्तार किए गए 10 लोगों में से एक 30 वर्षीय मोहम्मद काशिफ 2017 में हर्ष के साथ जेल में था। कथित तौर पर उसकी सहयता करने वाले कई अन्य आरोपियों के खिलाफ मारपीट, चोरी और डकैती के कई मामले हैं।
सूत्रों ने कहा कि हत्या हर्षा और उसके हमलावरों में से एक के बीच करीब छह महीने पहले एक अदालत परिसर में हुई झड़प का नतीजा हो सकती है। हालांकि, पुलिस एक बड़ी साजिश की जांच कर रही है। खासकर यह देखते हुए कि अपराध हिजाब प्रतिबंध विवाद के बीच हुआ था। हर्ष कथित तौर पर शिवमोग्गा के कुछ कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध के लिए समर्थन आयोजित करने वालों में शामिल था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपी स्थानीय अपराधी हैं और संदेह है कि उन्होंने खुद ही हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया।
शिवमोग्गा विधायक और मंत्री केएस ईश्वरप्पा और केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने एनआईए जांच की मांग की थी। हालांकि कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि राज्य पुलिस जांच जारी रखेगी।
शिवमोग्गा विधायक और मंत्री केएस ईश्वरप्पा और केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने एनआईए जांच की मांग की थी। हालांकि कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि राज्य पुलिस जांच जारी रखेगी।