UGC अधिनियम 1956 की धारा 22(1) के अनुसार केवल केंद्रीय व राज्य अधिनियम द्वारा स्थापित विवि या धारा 3 के अंतर्गत स्थापित मानित विवि या संसदीय अधिनियम 22(3) के अंतर्गत अधिकृत संस्थान ही स्नातक, स्नातकोत्तर या अन्य की डिग्री देने के पात्र हैं।
प्रदेश के एक सरकारी विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि ऐसे कई कॉलेज हैं, जो स्वीकृति के लिए नए कोर्स की सूची भेजते हैं। मगर यूजीसी से प्रस्तावित नहीं होने के कारण अनुमति नहीं दी जाती है। फिर भी कॉलेज कोर्स शुरू कर दाखिला देते हैं। बाद में संबंधित विद्यार्थी समस्या में पड़ जाते हैं। उनके भविष्य से खिलवाड़ होता है। विद्यार्थियों और अभिभावकों को चाहिए कि दाखिला लेने से पहले वे कॉलेज और कोर्स संबंधित जांच कर लें।