कोरोना संकट के काल में भाजपा के असंतुष्ट विधायकों की बैठक बुलाकर मुख्यमंत्री येडियूरप्पा व पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की टेढ़ी नजर के लक्ष्य बने कत्ती ने सुबह ुसबह मुख्यमंत्री निवास पर उनके साथ सुबह की सैर की और असंतुष्ट विधायकों की बैठक बुलाने से उत्पन्न नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया।
सूत्रों के अनुसार कत्ती ने येडियूरप्पा से कहा कि वे उनके साथ हैं और असंतुष्टों की बैठक बुला कर सरकार को अस्थिर करने का उनको कोई मकसद नहीं था। सूत्रों ने कहा कि बातचीत के दौरान कत्ती ने कहा कि इस बैठक में मुख्यमंत्री के खिलाफ किसी तरह की चर्चा नहीं हुई। वे लोग केवल भोजन के लिए एकत्रित हुए थे।
लेकिन मीडिया ने इस बैठक के बारे में तरह-तरह की अटकलें लगाकर माहौल को अलग रंग देने का प्रयास किया है। यह बागियों की बैठक नहीं थी और सीएम के प्रति उनमें किसी तरह की नाराजगी या असंतोष नहीं है। सूत्रों के अनुसार इसी दौरान कत्ती ने वादे के मुताबिक उन्हें मंत्री बनाने व पिछले लोकसभा चुनाव में चिक्कोड़ी से टिकट पाने से वंचित रहे उनके भाई रमेश कत्ती को राज्यसभा का टिकट देने का अनुरोध किया।
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने कत्ती को मंत्रिमंडल के अगले विस्तार के दौरान मंत्री बनाने का आश्वासन तो दिया लेकिन रमेश कत्ती को राज्यसभा का टिकट देने के बारे में कुछ नहीं कहा। उन्होंने कत्ती से कहा कि राज्यसभा टिकट के बारे में पार्टी आलाकमान निर्णय करेगा। सूत्रों के अनुसार येडियूरप्पा ने कत्ती से कहा कि अगले विस्तार में उन्हें मंत्री बनाया जाएगा पर वे नाहक पार्टी विरोधी हरकतें कर उन्हें शर्मींदा नहीं करें। कत्ती ने उनकी बात से इत्तफाक जताया।