शहर के पत्रकार भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पाटील ने कहा कि मौजूदा जानकारी के अनुसार पूर्व में हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम में 1400 एकड़ से अधिक जमीन अवैध तौर पर कब्जे में ली है, 15 हजार प्लाटों में नौ हजार से अधिक भूखण्डों का निर्माण किया गया है। अवैध भूखण्डों से स्मार्टसिटी के लिए समस्या हो रही है। यह कभी भी शहर के लिए फोड़ा बन सकते हैं।
खास तौर पर हुडा की गलती है, वहां फिलहाल अध्यक्ष नहीं है इसके अलावा भूखण्डों को अनुमति देने के कार्य को बिना गलती के करने से जनता को समस्या झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व में जब वे हुडा अध्यक्ष थे तब राजस्व, हेस्काम, नगर निगम के साथ टास्कफोर्स की गठन करने के जरिए इस प्रकार की अव्यवस्था पर लगाम कसी थी। इसी प्रकार टास्क फोर्स लागू करना चाहिए। हुडा तथा महानगर निगम भूखण्डों के लिए किसी प्रकार की समीक्षा किए बगैर अनुमति दे रहे हैं। इसके चलते हेस्काम भी बिना किसी समीक्षा किए अपना कार्य कर रहा है। इस प्रकार की अव्यवस्था के लिए अब तो लगाम कसनी चाहिए।
हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर के अवैध भूखण्डों के भवनों में जिला प्रशासन की गलती भी साफ नजर आ रही है। जिलाधिकारी ने आरम्भ में अच्छा कार्य किया था परन्तु अब वे भी लापरवाही बरत रहे हैं। अक्रम सक्रम (वैध-अवैध) के बारे में पाटील ने कहा कि राज्य सरकार ने अक्रम-सक्रम योजना लागू करने की बात कही थी परन्तु अब तक कोई योजना लाभप्रद नहीं हुई है। संवाददाता सम्मेलन में नागेश कलबुर्गी, वीरेश संगलद समेत कई उपस्थित थे।