दावणगेरे में एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर ने कहा कि यहां गांव के एक 13 साल के बच्चे में एक्यूट नेक्रोटाइजिंग एन्सेफैलोपैथी ऑफ चाइल्डहुड (acute necrotising encephalopathy of childhood-एएनईसी) का पता चला है। संस्थान के निदेशक डॉ.एनके कालप्पनवर ने कहा कि बच्चा कोविड संक्रमित था लेकिन वह कोविड को मात देकर स्वस्थ हो चुका था। बाद में उसमें यह जटिलता पाई गई।
उन्होंने कहा कि अभी तक हमारा मानना था कि कोविड पीड़ित बच्चों में ठीक होने के बाद मल्टी सिस्टम इनफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चिल्ड्रेन की ही जटिलता हो सकती है लेकिन अब हमें एएनईसी के बारे में भी सतर्क रहना होगा।
समय पर पता चलना जरूरी उन्होंने कहा कि कोविड से जुड़ी इस तरह की जटिलता राज्य में पहली बार सामने आई है। उन्होंने कहा कि मरीज अब ठीक हो रहा है। एएनईसी का यदि समय पर पता नहीं चले तो यह घातक हो सकता है।
बेहद महंगा है इलाज उन्होंने कहा कि इसका इलाज बेहद महंगा है क्योंकि एक इंजेक्शन 75,000 से एक लाख रुपए तक में मिलता है।
मालूम हो कि रविवार को कर्नाटक में कोरोना संक्रमण के 3604 नए मामले सामने आए। राज्य में 89 लोगों की मौत हो गई।
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