दरअसल, मोइली के ट्विटर हैंडल से जो बयान आया उसमें कहा गया था कि ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को राजनीति में धन के मसले को सुलझाना चाहिए। हम सड़क के ठेकेदारों व लोक निर्माण मंत्री के साथ उनकी मिलीभगत के जरिए आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों का चयन नहीं कर सकते। इस ट्वीट में राहुल गांधी , भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, प्रदेश कांग्रेस और मोइली के बेटे हर्ष मोइली को टैग किया गया था। वहीं हर्ष मोइली ने इसे रीट्वीट करते मुख्यमंत्री कर्नाटक को भी टैग किया।
कांग्रेस चुनाव घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष वीरप्पा मोइली से जब इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘यह मेरे द्वारा किया गया ट्वीट नहीं है। मैं कभी भी सार्वजनिक मंच पर इस तरह पार्टी के खिलाफ नहीं बोलता। यह पूछे जाने पर कि क्या वे उनके नाम से अनाधिकृत व अनुचित ट्वीट करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे, तो मोइली ने कहा कि उन्होंने ट्वीट को डिलीट करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने अपने पुत्र हर्ष द्वारा रीट्वीट करने पर अनभिज्ञता जताई। हर्ष मोइली के ट्विटर हैंडल से भी बाद में वह ट्वीट डिलीट कर दिया गया।
मोइली के इस कथित ट्वीट का सीधा निशाना लोक निर्माण मंत्री महादेवप्पा पर था, जो मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के बेहद करीबी माने जाते हैं। कथित तौर पर टिकटों के बंटवारे से लेकर पार्टी के अहम राजनीतिक निर्णयों में इनकी राय काफी मायने रखती है।
उधर, मोइली के इस ट्वीट पर विपक्षी दल भाजपा ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, यह साबित हो गया है कि कांग्रेस सरकार 10 फीसदी कमीशन सरकार है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.एस. येड्डियूरप्पा ने कहा कि ‘आखिरकार किसी ने तो सच कहने की हिम्मत जुटाई है। मोइली का कहना सही है। हम कहते आ रहे हैं कि सिद्धरामय्या 10 फीसदी सीएम हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का नजरिया हमारी टिप्पणी को वैध ठहराता है।
नई दिल्ली में कांग्रेस के पूर्ण अधिवेशन की शुरूआत से एक दिन पहले आए मोइली के इस कथित ट्वीट का राजनीतिक गलियारों में गहरा अर्थ लगाया जा रहा है। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या भी इस अधिवेशन में भाग लेने के लिए दिल्ली गए हुए हैं। उन्होंने नई दिल्ली में मोइली के ट्वीट में लगाए गए आरोपों से साफ इनकार किया है।