तीन घंटे का समय देकर जेसीबी से घरों को जमींदोज कर दिया। अब घर नहीं होने से सडक़ों पर आए हैं, उनके इनके घर में अस्थाई तौर पर रह रहे हैं। हमें अन्याय दिलाएं। जगदीश शेट्टर ने कहा कि घर हटाने से पहले इस बारे में मुझसे चर्चा की होती तो कुछ तो सोच सकते थे। न्यायालय की शरण में जाकर घर नहीं हटाने का स्थगन आदेश ला सकते थे। आम जनता को इस बारे में जानकारी नहीं होती। कम से कम वहां के नेता मेरे ध्यान में क्यों नहीं लाए। घर हटाने के अदालत के आदेश समेत कोई दस्तावेज होने पर देने को कहा।
शेट्टर ने कहा कि सुल्ल रोड पर आश्रय घरों के निर्माण के बारे में जमीन खरीदी प्रक्रिया चल रही है। अब घर खो चुके निवासियों को इस योजना में शुमार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी शबरी नगर तथा चंदन कॉलोनी की जनता समस्या में थी। अवैध घर कहकर हटाने की तैयारी की गई थी। इस दौरान अदालत की शरण में जाकर स्थगन आदेश लाया गया।
इससे यहां के लोग सुकून से जीवन गुजार रहे हैं। वे न्याय प्राप्त करने की कोशिश करेंगे। आपके समर्थन में पैरवी करने वाले अधिवक्ता के साथ चर्चा कर आगामी फैसला लिया जाएगा। इस अवसर पर पूर्व महापौर वीरण्णा सवडी, कच्ची बस्ती उन्मूलन मंडल के सहायक कार्यकारी अभियंता कृष्णमूर्ति, सहायक अभियंता सुरेश हिरेमठ समेत कई उपस्थित थे।
अपराध नियंत्रण के लिए किया जागरूक
मंड्या. श्रीरंगपट्टण थाना पुलिस ने शुक्रवार रात को बाबरणकोप्पल गांव के मारगुडी चौराहा पर ग्रामीणों के साथ एक बैठक का आयोजन किया। सभा में पुलिस उपाधीक्षक योगेन्द्रा नाथ ने कहा कि हमारे आस-पास अपराध का पता चलने पर बिना डरे पुलिस को बताकर सहयोग के लिए आगे आना चाहिए।
ताकि अपराधी का पता चल सके और उनको सजा मिल सके। उन्होंने कहा कि लोगों के मन में पुलिस का भय होने कारण अपराध होने पर पुलिस को नहीं बताते हैं। पुलिस के भय को मन से बाहर निकालकर पुलिस के साथ अच्छे संबंध रखने की कोशिश करें। इसके अलावा उन्होंने ग्रामीणों को घर की सुरक्षा के लिए सीसी टीवी कैमरा लगवाने की बात भी कही। सभा में पुलिस अधिकारी देवराजु, महादेवा, उदय कुमार मौजूद रहे।