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मनी लेंडर्स संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित

locationबैंगलोरPublished: Mar 16, 2021 08:30:58 pm

Submitted by:

Sanjay Kulkarni

ऋण लेनेवाले को प्रताडि़त करने पर कारावास तथा जुर्माने का प्रावधान

मनी लेंडर्स संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित

मनी लेंडर्स संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित

बेंगलूरु. विधानसभा में सोमवार को कर्नाटक मनी लेंडर्स (संशोधन) विधेयक 2021 को पारित कर दिया। इससे पहले सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर ने सदन को बताया की निजी वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेने वालों की प्रताडऩा को रोकने तथा उनके हितों की रक्षा करने के लिए यह संशोधित विधेयक पेश किया गया है।
इस संशोधित कानून के तहत ऋण लेनेवाले को प्रताडि़त करने पर कारावास तथा जुर्माने का प्रावधान है। ऋण वसूली के लिए किसी को धमकाना अब कानूनन अपराध होगा।
इस विधेयक के साथ नगर निकाय प्रशासन मंत्री एमबीटी नागराज की ओर से पेश किए गए कर्नाटक नगर निकाय प्रशासन संशोधित विधेयक को भी सदन ने पारित कर दिया। संशोधित विधेयक के तहत अब कुष्ठरोग जैसी बीमारी से पीडि़़त व्यक्ति को बाजार में प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता है। ऐसा करने वाले के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार स्थानीय नगर निकायों को होगा। विधानसभा में सोमवार को 11 विधेयक पेश किए गए।
सरकारी शालाओं की भूमि की सुरक्षा के लिए कार्ययोजना : सुरेश
बेंगलूरु. राज्य में पहली कक्षा से चौथी कक्षा के २० हजार 751, पांचवी से सातवीं कक्षा के 22 हजार 499, आठवी से दसवी कक्षा के 4 हजार 727 सरकारी स्कूल हैं। सरकारी पीयू कॉलेज की संख्या 1 हजार 234 है। प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री सुरेशकुमार ने यह जानकारी दी।
विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान जनता दल एस के कांतराज के सवाल पर उन्होंने कहा कि इन सभी स्कूलों के भूमि के दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है। जिससे विभिन्न प्रशासनिक विभागों के बीच सरकारी स्कूलों की भूमि को लेकर विवाद का स्थायी समाधान होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिला तथा तहसील के सार्वजनिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सरकारी स्कूलों की भूमि के दस्तावेजों की सुरक्षा तथा दस्तावेजों में उल्लेखित भूमि पर चारदीवारी के निर्माण करने के निर्देश दिए गए है।
सार्वजनिक शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी ही यह कार्य कर रहे है लिहाजा सरकारी स्कूलों की भूमि की रक्षा करने के लिए किसी अलग प्राधिकरण का गठन करने का प्रस्ताव सरकार के सामने नहीं है।
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