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विजयेंद्र का टिकट कटने पर भाजपा में कोहराम

locationबैंगलोरPublished: Apr 25, 2018 01:25:33 am

Submitted by:

Sanjay Kumar Kareer

भाजपा के लिए हो सकता है आत्मघाती कदम, उग्र कार्यकर्ताओं को मनाना नहीं होगा आसान

Bangalore, Karnataka, Election news, bjp
बेंगलूरु. मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को उनके गृह जिले में ही मात देने के लिए एकजुट हुई प्रदेश भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येड्डियूरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र को टिकट से वंचित किए जाने के बाद खेमों में बंट गई है। मैसूरु में मंगलवार को केंद्रीय नेताओं के सामने ही मतभेद स्पष्ट रूप से उभरे और कार्यकर्ताओं ने उनके सामने उग्र प्रदर्शन किया। हालांकि, पुलिस ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और लाठीचार्ज भी हुआ लेकिन केंद्रीय भाजपा नेताओं के घेराव पर उतारू कार्यकर्ता अपना असंतोष और गुस्सा जाहिर करने में कामयाब रहे। इस दौरान मैसूरु की व्यस्ततम सड़क पर भारी यातायात जाम भी लगा।
दरअसल, मैसूरु की राजनीति में विजयेंद्र ने अचानक प्रवेश किया और वरुणा निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव अभियान चलाते हुए काफी लोकप्रियता भी हासिल कर ली थी। युवाओं और वीरशैव समुदाय को अपने पक्ष में एकजुट करते हुए वरुणा के अलावा मैसूरु और चामराजनगर में भी भाजपा के पक्ष में हवा बनाई। इसके लिए वरुणा में उन्होंने घर ले लिया और क्षेत्र में हमेशा उपलब्ध रहे। भाजपा नेता वरुणा से सिद्धरामय्या के बेटे यतींद्र के खिलाफ विजयेंद्र का चुनाव लडऩा तय मान रहे थे।
विजयेंद्र ने भी जातिगत समीकरण की राजनीति को समझते हुए नायक और दलित समुदाय के मतदाताओं से लगातार संपर्क साध रहे थे जो अच्छी तादाद में है। लेकिन, जब आलाकमान से उन्हें टिकट देने से इनकार किया तो वीरशैव और अन्य समुदाय के लोग भड़क गए। मैसूरु और चामराजनगर के भाजपा उम्मीदवार भी खुलकर विजयेंद्र के समर्थन में आ गए और पार्टी आलाकमान को अपने निर्णय पर विचार करने का दबाव डालने लगे क्योंकि इससे उन्हें अपने-अपने क्षेत्र में उस समुदाय के मतदाताओं को समझाना मुश्किल होगा।
उनका कहना था कि अगर विजयेंद्र को उम्मीदवार बनाया जाता है तो लिंगायत समुदाय में एक अच्छा संदेश जाएगा जिससे दोनों जिलों में पार्टी को लाभ होगा। यहां सात विधानसभा सीटें वरुणा, कोल्लेगाल, चामराजनगर, गुंडलुपेट, पेरियापटना, कृष्णराजनगर है जहां वीरशैव मतदाताओं की प्रभावी संख्या है।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा उम्मीदवारों सिद्धराजू, संदेश स्वामी, नंनजुडस्वामी और अन्य ने केंद्रीय नेताओं से कहा कि वीरशैव के समर्थन के बिना यहां कांग्रेस और जनता दल (ध) का मुकाबला करना संभव नहीं होगा। उन्हें डर है कि विजयेंद्र को टिकट नहीं दिए जाने के बाद इस समुदाय के मतदाताओं के सामने जाना और उन्हें मनाना कठिन होगा। इन नेताओं ने यह भी कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए ताकि भ्रम दूर हो। अन्यथा, इससे गलत संदेश जाएगा और वे भाजपा को समर्थन देने पर पुनर्विचार कर सकते हैं।
पूर्व एमएलसी और एचडी कोटे के भाजपा उम्मीदवार सिद्धराजू ने कहा कि वे पार्टी के फैसले का इंतजार करेंगे और 26 अप्रेल तक अपनी उम्मीदवारी वापस लेने पर फैसले करेंगे। कुछ वरिष्ठ भाजपा नेताओं का कहना था कि येड्डियूरप्पा के खिलाफ पार्टी के भीतर षड्यंत्र किया गया है जो प्रभावकारी रहा। उनके विरोधी नहीं चाहते कि येड्डियूरप्पा का कोई उत्तराधिकारी तैयार हो। इससे राज्य में भाजपा की संभावनाओं पर गहरा असर पड़ेगा।
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