विश्वनाथ को स्वार्थी बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे महत्वाकांक्षी नेता को अब उपचुनाव में हराकर घर भेजने का समय आ गया है। विश्वानथ ने कंाग्रेस के साथ विश्वास घात किया। कई बार विधायक और सांसद बने और मंत्री बनने का अवसर भी मिला।
उन्होंने कहा कि विश्वनाथ ने दावा किया है कि उन्हें सफलता मिली तो वे हुणसूर को जिले का दर्जा दिलाएंगे। इससे पहले यह बात क्यों नहीं कही थी। इसके पीछे षढय़ंत्र छिपा है। उन्होंने कहा कि विश्वनाथ को डर है कि अगर वे सिद्धरामय्या की आलोचना करेंगे तो कुरुबा समुदाय के वोट से वंचित होना पड़ेगा। उसी कारण वे उनकी तारीफ कर वोट प्राप्त करना चाहते हैं।