विश्वनाथ को स्वार्थी बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे महत्वाकांक्षी नेता को अब उपचुनाव में हराकर घर भेजने का समय आ गया है। विश्वानथ ने कंाग्रेस के साथ विश्वास घात किया। कई बार विधायक और सांसद बने और मंत्री बनने का अवसर भी मिला।
उन्होंने कहा कि विश्वनाथ ने कांगे्रस में रहकर विपक्षी नेता के तौर पर काम किया था। वह हमेशा उनकी सरकार पर आरोप और कई टिप्पणियां करते थे। कांग्रेस मेें सब कुछ प्राप्त करने के बाद अपने स्वार्थ के लिए जनता दल एस में गए। वहां से टिकट लेकर सफलता प्राप्त की और पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया। उन्होंंने कहा कि विश्वनाथ अब लालच का शिकार होकर भाजपा में गए हैं। वह लोगों की समस्याओं को हल करने के बजाए मुंबई और हैदराबाद में मौज मस्ती करते रहे।
उन्होंने कहा कि विश्वनाथ ने दावा किया है कि उन्हें सफलता मिली तो वे हुणसूर को जिले का दर्जा दिलाएंगे। इससे पहले यह बात क्यों नहीं कही थी। इसके पीछे षढय़ंत्र छिपा है। उन्होंने कहा कि विश्वनाथ को डर है कि अगर वे सिद्धरामय्या की आलोचना करेंगे तो कुरुबा समुदाय के वोट से वंचित होना पड़ेगा। उसी कारण वे उनकी तारीफ कर वोट प्राप्त करना चाहते हैं।