अधिकारियों ने बताया कि चुनाव के लिए ४१८५ मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से ८८४ मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है। मतदान के लिए २२ हजार ५९८ चुनाव कर्मी तैनात किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था 42 हजार 500 से ज्यादा जवान संभालेंगे। इन सीटों के लिए १६५ उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें १२६ निर्दलीय व ९ महिलाएं भी शामिल हैं। इन क्षेत्रों में 37 लाख 8 2 हजार 6 8 1 मतदाता पंजीकृत हैं। मतगणना 9 दिसम्बर को होगी।
गौरतलब है कि जुलाई में एचडी कुमारस्वामी वाली कांग्रेस और जद-एस गठबंधन सरकार के पतन से पहले एक निर्दलीय सहित दोनों दलों के १७ असंतुष्ट विधायकों ने इस्तीफे दिए थे। कुमारस्वामी सरकार के शक्ति परीक्षण से पहले ही तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। साथ ही इन विधायकों को मौजूदा विधानसभा के पूरे कार्यकाल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। विधायकों के अयोग्य होने के कारण रिक्त हुई १७ मेंं से १५ सीटों पर आयोग ने अक्टूबर मेें उपचुनाव कराने की घोषणा की थी, लेकिन अध्यक्ष के फैसले को अयोग्य विधायकों ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दिए जाने के कारण आयोग ने चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी थी। दो सीटों-राजराजेश्वरी नगर और मस्की में चुनाव याचिकाएं लंबित रहने के कारण उपचुनाव नहीं कराए जा रहे हैं। १३ नवम्बर को दिए गए फैसले में शीर्ष अदालत ने विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले से सही ठहराया था। हालांकि, मौजूदा विधानसभा के पूरे कार्यकाल के लिए अयोग्य ठहराने के फैसले को खारिज कर दिया था। भाजपा ने कांग्रेस और जद-एस के १३ अयोग्य विधायकों को इन सीटों पर टिकट दिया है।
गौरतलब है कि जुलाई में एचडी कुमारस्वामी वाली कांग्रेस और जद-एस गठबंधन सरकार के पतन से पहले एक निर्दलीय सहित दोनों दलों के १७ असंतुष्ट विधायकों ने इस्तीफे दिए थे। कुमारस्वामी सरकार के शक्ति परीक्षण से पहले ही तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। साथ ही इन विधायकों को मौजूदा विधानसभा के पूरे कार्यकाल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। विधायकों के अयोग्य होने के कारण रिक्त हुई १७ मेंं से १५ सीटों पर आयोग ने अक्टूबर मेें उपचुनाव कराने की घोषणा की थी, लेकिन अध्यक्ष के फैसले को अयोग्य विधायकों ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दिए जाने के कारण आयोग ने चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी थी। दो सीटों-राजराजेश्वरी नगर और मस्की में चुनाव याचिकाएं लंबित रहने के कारण उपचुनाव नहीं कराए जा रहे हैं। १३ नवम्बर को दिए गए फैसले में शीर्ष अदालत ने विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले से सही ठहराया था। हालांकि, मौजूदा विधानसभा के पूरे कार्यकाल के लिए अयोग्य ठहराने के फैसले को खारिज कर दिया था। भाजपा ने कांग्रेस और जद-एस के १३ अयोग्य विधायकों को इन सीटों पर टिकट दिया है।
तय होंगे राजनीतिक समीकरण
उपचुनाव के परिणाम से राज्य के राजनीतिक समीकरण भी तय होंगे। विधानसभा में भाजपा के १०५ सदस्य (अध्यक्ष सहित) हैं जबकि कांग्रेस के ६६, जद-एस के ३४ सदस्य हैं। बसपा के एक विधायक के साथ ही एक निर्दलीय सदस्य भी हैं। उपचुनाव के बाद विधानसभा के सदस्यों की संख्या बढ़कर २२३ (एक मनोनीत सदस्य सहित) हो जाएगी और तब सदन में साधारण बहुमत के लिए भाजपा को ११२ सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। राजनीतिक गलियारों में भाजपा के बहुमत के लायक सीटें हासिल नहीं करने की स्थिति में कांग्रेस और जद-एस के बीच फिर से गठजोड़ की चर्चाएं भी हैं। हालांकि, कांग्रेस और भाजपा सभी सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं।
इन सीटों पर उपचुनाव
शिवाजी नगर, यशवंतपुर, महालक्ष्मी लेआउट, केआरपुरम, होसकोटे, चिकबल्लापुर, हुणसूर, केआरपेट, अथणी, कागवाड़, गोकाक, हिरेकेरूर, येल्लापुर, रानीबेन्नूर एवं विजयनगर।
उपचुनाव के परिणाम से राज्य के राजनीतिक समीकरण भी तय होंगे। विधानसभा में भाजपा के १०५ सदस्य (अध्यक्ष सहित) हैं जबकि कांग्रेस के ६६, जद-एस के ३४ सदस्य हैं। बसपा के एक विधायक के साथ ही एक निर्दलीय सदस्य भी हैं। उपचुनाव के बाद विधानसभा के सदस्यों की संख्या बढ़कर २२३ (एक मनोनीत सदस्य सहित) हो जाएगी और तब सदन में साधारण बहुमत के लिए भाजपा को ११२ सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। राजनीतिक गलियारों में भाजपा के बहुमत के लायक सीटें हासिल नहीं करने की स्थिति में कांग्रेस और जद-एस के बीच फिर से गठजोड़ की चर्चाएं भी हैं। हालांकि, कांग्रेस और भाजपा सभी सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं।
इन सीटों पर उपचुनाव
शिवाजी नगर, यशवंतपुर, महालक्ष्मी लेआउट, केआरपुरम, होसकोटे, चिकबल्लापुर, हुणसूर, केआरपेट, अथणी, कागवाड़, गोकाक, हिरेकेरूर, येल्लापुर, रानीबेन्नूर एवं विजयनगर।