निजी कंपनियों को सरकारी जमीन बेचने का विरोध
बेंगलूरु. सरकार किसी भी दल की क्यों न हो, मैंने हमेशा निजी कंपनियों को सरकारी जमीन बेचने का विरोध किया है। आज भी मेरा यही रुख है। बुनियादी ढांचा विकास मंत्री आनंद सिंह ने यह बात कही।
बुधवार को विजयनगर जिले के होसपेट में उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि निजी कंपनियों को केवल 100 वर्ष या 50 वर्ष के पट्टे पर दी जानी चाहिए। पट्टे पर देने से अगर ऐसी कंपनी बंद होती है तो इस भूमि पर फिर सरकार का मालिकना हक होगा। लेकिन किसी भी हालत में निजी कंपनी को सरकारी भूमि बेचने का वे समर्थन नहीं करेंगे।
‘किकबैकÓ का अर्थ नहीं मालूम
कांग्रेस के नेता पूर्व सांसद वीएस उग्रप्पा की ओर से इस मामले में स्थानीय भाजपा नेताओं को (किकबैक) रिश्वत मिलने के आरोप को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनको ‘किकबैकÓ इस शब्द का अर्थ ही मालूम नहीं है।
बेंगलूरु. सरकार किसी भी दल की क्यों न हो, मैंने हमेशा निजी कंपनियों को सरकारी जमीन बेचने का विरोध किया है। आज भी मेरा यही रुख है। बुनियादी ढांचा विकास मंत्री आनंद सिंह ने यह बात कही।
बुधवार को विजयनगर जिले के होसपेट में उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि निजी कंपनियों को केवल 100 वर्ष या 50 वर्ष के पट्टे पर दी जानी चाहिए। पट्टे पर देने से अगर ऐसी कंपनी बंद होती है तो इस भूमि पर फिर सरकार का मालिकना हक होगा। लेकिन किसी भी हालत में निजी कंपनी को सरकारी भूमि बेचने का वे समर्थन नहीं करेंगे।
‘किकबैकÓ का अर्थ नहीं मालूम
कांग्रेस के नेता पूर्व सांसद वीएस उग्रप्पा की ओर से इस मामले में स्थानीय भाजपा नेताओं को (किकबैक) रिश्वत मिलने के आरोप को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनको ‘किकबैकÓ इस शब्द का अर्थ ही मालूम नहीं है।