scriptकागजों से बाहर नहीं आ सके हर वार्ड में अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र | Waste processing plant in every ward can not come out of paper | Patrika News

कागजों से बाहर नहीं आ सके हर वार्ड में अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र

locationबैंगलोरPublished: Sep 24, 2018 10:12:30 pm

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) में बृहद बेंगलूरु महानगरपालिका (पालिका) बुरी तरह नाकाम साबित हुआ है।

कागजों से बाहर नहीं आ सके हर वार्ड में अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र

कागजों से बाहर नहीं आ सके हर वार्ड में अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र

बेंगलूरु. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) में बृहद बेंगलूरु महानगरपालिका (पालिका) बुरी तरह नाकाम साबित हुआ है। ठोस अपशिष्ट निपटान को प्रभावी बनाने के लिए पालिका ने वार्ड स्तर पर लघु संयंत्र लगाने का प्रस्ताव किया था लेकिन एक वर्ष बीतने के बाद भी पालिका इस दिशा में कोई काम नहीं कर पाया है। पिछले वर्ष कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पालिका के असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण फटकार भी लगाई थी।


पालिका ने मौजूदा वार्ड समितियों के साथ मिलकर तय किया था कि शहर के सभी १९८ वार्ड में एक लघु संयंत्र स्थापित होगा जिसकी अधिकतम क्षमता दैनिक १५ टन अपशिष्ट निपटान की होगी। इसमें अपशिष्ट को आरंभिक चरण में ही सूखा, गीला और सेनेटरी श्रेणियों में विभाजित कर इकट्ठा करना और वार्ड स्तर पर प्रसंस्कृत कर खाद के रूप में निष्पादित करना था। प्रस्ताव सिर्फ कागज पर सीमित रह गया है और इसे क्रियान्वित करने को लेकर कोई पालिका कोई तेजी नहीं दिखा रही है।


योजना के लिए १०० करोड़ रुपए बजट तय किया गया था। इसके लिए प्रत्येक वार्ड में न्यूनतम १५ हजार वर्ग फीट भूमि की आवश्यकता होगी और वार्ड के अपशिष्ट उत्सर्जन की भिन्न मात्रा के अनुरूप उन्हें प्रसंस्कृत किया जाएगा। अनुमानत: प्रत्येक वार्ड से न्यूतनतम दैनिक अपशिष्ट उत्सर्जन ५ टन है जबकि कुछ वार्डों में यह १२ से १४ टन के बीच है। मौजूदा समय में शहर में दैनिक औसत ५००० टन अपशिष्ट उत्सर्जन होता है। इनके प्रसंस्करण के लिए शहर में २१०० टन कुल क्षमता वाली प्रसंस्करण इकाइयां हैं जबकि शेष अपशिष्ट को खुले मैदानों में गिराया जाता है। वार्ड स्तरीय प्रसंस्करण संयंत्र की मदद से अपशिष्ट को स्थानीय स्तर पर प्रसंस्कृत करने की क्षमता उन्नत होती जिससे अपशिष्ट परिवहन लागत भी कम होगा और खुले मैदानों में अपशिष्ट गिराने की मजबूरी नहीं रहेगी।


अदालत से मिले निर्देश के बाद पालिका ने योजना बनाई थी कि प्रत्येक वार्ड में एक टिपर ऑटो ७५० घरों से विभाजित कचरा एकत्रित करेगा और उसे वार्ड आधारित संयंत्र तक ले जाएगा। योजना में अनिवार्य है कि वार्ड समितियों का नेतृत्व परिषद के सदस्य करेंगे, जो विशेष वार्ड समिति के अध्यक्ष भी हैं। समिति के सदस्य उस वार्ड में एसडब्ल्यूएम की निगरानी करेंगे। वार्ड समितियों को सहभागी बनाने के बाद भी पालिका की योजना साकार नहीं हो पाई है।

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