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चुनाव सभा में क्यों रो पड़े कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी

locationबैंगलोरPublished: Nov 27, 2019 06:20:35 pm

Submitted by:

Jeevendra Jha

बेटे की हार को लेकर छलका दर्द

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बेंगलूरु. पूर्व मुख्यमंत्री और जद-एस नेता एच डी कुमारस्वामी बुधवार को एक बार फिर भावुक हो गए। मण्ड्या में विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के लिए आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कुमारस्वामी एक बार फिर रो पड़े। हालांकि, दो बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके कुमारस्वामी पहले भी कई बार सार्वजनिक मंचों पर भावुक हो चुके हैं।

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मण्ड्या ने किया निराश
दरअसल, जद-एस के मजबूत गढ़ माने जाने वाले वोक्कालिगा बहुल मण्ड्या क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में अपने पुत्र निखिल की हार से कुमारस्वामी काफी आहत थे और उन्होंने भाषण के दौरान इसे लेकर अपनी पीड़ा भी जाहिर की। कुमारस्वामी ने कहा कि मण्ड्या के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए काफी कुछ किया लेकिन यहां के लोगों ने उन्हें निराश किया। कुमारस्वामी यह कहते हुए मंच पर रो पड़े कि वे नहीं चाहते थे कि बेटा चुनाव लड़े लेकिन समर्थकों के कहने पर वह चुनाव लड़ा और हार गया। मण्ड्या के लोगों ने उसका साथ नहीं दिया, इससे उन्हें पीड़़ा हुई।

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पता नहीं क्यो हार गया मेरा बेटा
भावुक कुमारस्वामी ने आंसू पोंछते हुए कहा कि मुझे राजनीति की जरुरत नहीं है। मैं मुख्यमंत्री पद नहीं चाहता। मैं सिर्फ आपका प्यार चाहता हूं। मुझे नहीं पता कि मेरा बेटा क्यों हार गया। कुमारस्वामी ने कहा कि वे नहीं चाहते थे कि उनका बेटा मण्ड्या से चुनाव लड़े लेकिन मेरे समर्थकों के कहने पर उसे यहां से चुनाव लड़ाया लेकिन जिन लोगों के कहने पर उसे चुनाव लड़ाया उन्हीं लोगों ने साथ नहीं दिया। जिससे मुझे बेहद दुख हुआ है।
कुमारस्वामी केआर पेट विधानसभा क्षेत्र के लिए हो रहे उपचुनाव में प्रचार करने गए थे। पिछले बार यहां कुमारस्वामी की पार्टी के नारायण गौड़ा जीते थे, जिन्हें बाकी १६ विधायकों के साथ अयोग्य ठहराए जाने के कारण उपचुनाव हो रहे हैं। नारायण गौड़ा इस बार भाजपा के उम्मीदवार हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में अभिनेता एमएच अम्बरीश की पत्नी सुमालता ने निखिल को हराया गया था। निर्दलीय मैदान में उतरी सुमालता को भाजपा का समर्थन हासिल था। चीनी का कटोरा कहे जाने वाले मण्ड्या को जद-एस का मजबूत गढ़ माना जाता है। लोकसभा चुनाव में कुमारस्वामी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा भी तुमकूरु से हार गए थे। जद-एस को सिर्फ एक हासन सीट मिली थी, जो उनके भतीजे प्रज्जवल रेवण्णा ने जीती थी।

पहले भी रो चुके हैं
यह कोई पहला मौका नहीं जब कुमारस्वामी लोगों के सामने रोए हैं। पिछले साल मुख्यमंत्री रहते हुए बेंगलूरु में पार्टी कार्यकर्ताओं की सभा में भी कुमारस्वामी रो पड़े थे। तब कुमारस्वामी ने गठबंधन सरकार की मुश्किलों को लेकर अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा था कि आप सभी यहां मेरे लिए खड़े हैं, आप सभी खुश हैं कि आपका एक भाई राज्य का मुख्यमंत्री बन गया है। लेकिन मैं इससे बिल्कुल भी खुश नहीं हूं। गठबंधन वाली सरकार का दर्द मुझे पता है। मैं विषकांत बन गया हूं और इस सरकार के दर्द को भी निगल लिया है। कुमारस्वामी ने कहा था कि गठबंधन की सरकार के पास जनादेश नहीं होता। उन्होंने कहा था कि कृषि ऋण माफी को लेकर मैंने कितनी जद्दोजहद की किसी को नहीं पता। टैक्स बढ़ाने की वजह से मेरी आलोचना हो रही है। उधर अन्न भाग्य योजना के तहत 5 की बजाय 7 किलो चावल मांग रहे हैं।