मण्ड्या ने किया निराश
दरअसल, जद-एस के मजबूत गढ़ माने जाने वाले वोक्कालिगा बहुल मण्ड्या क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में अपने पुत्र निखिल की हार से कुमारस्वामी काफी आहत थे और उन्होंने भाषण के दौरान इसे लेकर अपनी पीड़ा भी जाहिर की। कुमारस्वामी ने कहा कि मण्ड्या के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए काफी कुछ किया लेकिन यहां के लोगों ने उन्हें निराश किया। कुमारस्वामी यह कहते हुए मंच पर रो पड़े कि वे नहीं चाहते थे कि बेटा चुनाव लड़े लेकिन समर्थकों के कहने पर वह चुनाव लड़ा और हार गया। मण्ड्या के लोगों ने उसका साथ नहीं दिया, इससे उन्हें पीड़़ा हुई।
दरअसल, जद-एस के मजबूत गढ़ माने जाने वाले वोक्कालिगा बहुल मण्ड्या क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में अपने पुत्र निखिल की हार से कुमारस्वामी काफी आहत थे और उन्होंने भाषण के दौरान इसे लेकर अपनी पीड़ा भी जाहिर की। कुमारस्वामी ने कहा कि मण्ड्या के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए काफी कुछ किया लेकिन यहां के लोगों ने उन्हें निराश किया। कुमारस्वामी यह कहते हुए मंच पर रो पड़े कि वे नहीं चाहते थे कि बेटा चुनाव लड़े लेकिन समर्थकों के कहने पर वह चुनाव लड़ा और हार गया। मण्ड्या के लोगों ने उसका साथ नहीं दिया, इससे उन्हें पीड़़ा हुई।
पता नहीं क्यो हार गया मेरा बेटा
भावुक कुमारस्वामी ने आंसू पोंछते हुए कहा कि मुझे राजनीति की जरुरत नहीं है। मैं मुख्यमंत्री पद नहीं चाहता। मैं सिर्फ आपका प्यार चाहता हूं। मुझे नहीं पता कि मेरा बेटा क्यों हार गया। कुमारस्वामी ने कहा कि वे नहीं चाहते थे कि उनका बेटा मण्ड्या से चुनाव लड़े लेकिन मेरे समर्थकों के कहने पर उसे यहां से चुनाव लड़ाया लेकिन जिन लोगों के कहने पर उसे चुनाव लड़ाया उन्हीं लोगों ने साथ नहीं दिया। जिससे मुझे बेहद दुख हुआ है।
कुमारस्वामी केआर पेट विधानसभा क्षेत्र के लिए हो रहे उपचुनाव में प्रचार करने गए थे। पिछले बार यहां कुमारस्वामी की पार्टी के नारायण गौड़ा जीते थे, जिन्हें बाकी १६ विधायकों के साथ अयोग्य ठहराए जाने के कारण उपचुनाव हो रहे हैं। नारायण गौड़ा इस बार भाजपा के उम्मीदवार हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में अभिनेता एमएच अम्बरीश की पत्नी सुमालता ने निखिल को हराया गया था। निर्दलीय मैदान में उतरी सुमालता को भाजपा का समर्थन हासिल था। चीनी का कटोरा कहे जाने वाले मण्ड्या को जद-एस का मजबूत गढ़ माना जाता है। लोकसभा चुनाव में कुमारस्वामी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा भी तुमकूरु से हार गए थे। जद-एस को सिर्फ एक हासन सीट मिली थी, जो उनके भतीजे प्रज्जवल रेवण्णा ने जीती थी।
भावुक कुमारस्वामी ने आंसू पोंछते हुए कहा कि मुझे राजनीति की जरुरत नहीं है। मैं मुख्यमंत्री पद नहीं चाहता। मैं सिर्फ आपका प्यार चाहता हूं। मुझे नहीं पता कि मेरा बेटा क्यों हार गया। कुमारस्वामी ने कहा कि वे नहीं चाहते थे कि उनका बेटा मण्ड्या से चुनाव लड़े लेकिन मेरे समर्थकों के कहने पर उसे यहां से चुनाव लड़ाया लेकिन जिन लोगों के कहने पर उसे चुनाव लड़ाया उन्हीं लोगों ने साथ नहीं दिया। जिससे मुझे बेहद दुख हुआ है।
कुमारस्वामी केआर पेट विधानसभा क्षेत्र के लिए हो रहे उपचुनाव में प्रचार करने गए थे। पिछले बार यहां कुमारस्वामी की पार्टी के नारायण गौड़ा जीते थे, जिन्हें बाकी १६ विधायकों के साथ अयोग्य ठहराए जाने के कारण उपचुनाव हो रहे हैं। नारायण गौड़ा इस बार भाजपा के उम्मीदवार हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में अभिनेता एमएच अम्बरीश की पत्नी सुमालता ने निखिल को हराया गया था। निर्दलीय मैदान में उतरी सुमालता को भाजपा का समर्थन हासिल था। चीनी का कटोरा कहे जाने वाले मण्ड्या को जद-एस का मजबूत गढ़ माना जाता है। लोकसभा चुनाव में कुमारस्वामी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा भी तुमकूरु से हार गए थे। जद-एस को सिर्फ एक हासन सीट मिली थी, जो उनके भतीजे प्रज्जवल रेवण्णा ने जीती थी।