script‘जलक्रांति’ बुझाएगी राज्य के लोगों की प्यास | 'Water Revolution' will quench the thirst of the people of the state | Patrika News

‘जलक्रांति’ बुझाएगी राज्य के लोगों की प्यास

locationबैंगलोरPublished: May 18, 2019 12:50:02 am

पेयजल आपूर्ति की समस्या के स्थायी समाधान के लिए राज्य सरकार बिजली ग्रिड की तर्ज पर वॉटर ग्रिड स्थापित करने की योजना पर विचार-विमर्श कर रही है।

‘जलक्रांति’ बुझाएगी राज्य के लोगों की प्यास

‘जलक्रांति’ बुझाएगी राज्य के लोगों की प्यास

बेंगलूरु. पेयजल आपूर्ति की समस्या के स्थायी समाधान के लिए राज्य सरकार बिजली ग्रिड की तर्ज पर वॉटर ग्रिड स्थापित करने की योजना पर विचार-विमर्श कर रही है। जलक्रांति नामक इस योजना के माध्यम से राज्य की प्रमुख नदियों के पानी को नहर तथा पाइप लाइन के माध्यम से शहरों तक पहुंचाया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को इस योजना की रूपरेखा तय करने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में 1360 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा। हाल में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक में राज्य के मुख्य सचिव टीएम विजय भास्कर की ओर से प्रस्तुत की गई इस योजना को राज्य सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी देने का फैसला लिया है।


योजना को अमलीजामा पहनाने का दायित्व बृहद तथा लघु सिंचाई विभाग को सौंपा जाएगा। राज्य में उपलब्ध अतिरिक्त पेयजल को बिजली ग्रिड की तरह एक केंद्र में संग्रहित किया जाएगा। बाद में इस केंद्र के माध्यम से ही पेयजल का वितरण किया जाएगा। इस योजना में राज्य के सभी प्रमुख बांधों को शामिल किया जाएगा।


सिंचाई के लिए नहरों में प्रवाहित हो रहे पानी के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जाएगा। नहरों की अपेक्षा पाइप लाइन के माध्यम से पानी की आपूर्ति को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा बारिश के दिनों में राज्य के प्रमुख तालाबों में अधिक जल भंडारण सुनिश्चित करने का दायित्व लघु सिंचाई विभाग को सौंपा जाएगा।


साल में 500 की जिंदगी छीनी
बेंगलूरु. गत चार वर्षों के दौरान बेंगलूरु बिजली आपूर्ति कंपनी (बेसकॉम) की व्याप्ति में शामिल बेंगलूरु शहर, बेंगलूरु ग्रामीण, चिकबल्लापुर, कोलार, तुमकूरु, चित्रदुर्ग, दावणगेरे तथा रामनगर जिलों में 1040 हादसों में 500 से अधिक लोगों की मौत करंट लगने से हुई।


सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2015-16 में 283 हादसों में 132 लोगों, वर्ष 2016-17 में 118, वर्ष 2017-18 में 114 तथा तथा वर्ष 2018-19 में 136 लोगों की मौत हुई है। इन हादसों में मरने वालों में बेसकॉम के 37 कर्मचारी भी शामिल हैं। इसके अलावा करंट से 191 मवेशियों की मौत हुई है।


बेसकॉम की प्रबंध निदेशक सी. शिखा के अनुसार कई बार चेतावनी जारी करने के बावजूद शहर के कई क्षेत्रों में लोगों ने हाइटेंशन बिजली के तारों के नीचे ही अवैध रूप से मकान बनाए हंै, वहींं अधिक हादसे हो रहे हैं। ऐसे अवैध मकानों को हटाने के लिए बीबीएमपी के साथ मिलकर विशेष अभियान चलाया जाएगा। अवैध रूप से निर्मित मकानों में बिजली कनेक्शन देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इस वर्ष शहर के कोडगेहल्ली, जीवन बीमा नगर, महालक्ष्मी लेआउट तथा बाणसवाड़ी में हादसों में चार बच्चों की मौत हो चुकी है।

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