यह ट्रेन 12 अक्टूबर को पहला फेरा करेगी और 26 अक्टूबर तक कुल तीन फेरे लगाएगी। वापसी में यही ट्रेन प्रत्येक रविवार को दोपहर 1.45 बजे विशाखापट्टनम से चलकर अगले दिन सुबह 9.05 बजे यशवंतपुर पहुंचेगी, जो 14 अक्टूबर को पहला फेरा लगाएगी और 28 अक्टूबर तक तीन फेरे लगाएगी। यशवंतपुर-एर्नाकुलम-यशवंपुर साप्ताहिक तत्काल एक्सप्रेस मंगलवार को रात 10.45 बजे यशवंतपुर से रवाना होकर अगले दिन दोपहर 12.45 बजे एर्नाकुलम पहुंचेगी, जो 16 अक्टूबर को पहला फेरा करेगी और 13 नवम्बर तक कुल पांच फेरे लगाएगी। वापसी में बुधवार को अपराह्न 3 बजे एर्णाकुलम से रवाना होकर अगले दिन प्रात: 4.30 बजे यशवंतपुर पहुंचेगी, जो पहला फेरा 17 अक्टूबर को करेगी और 14 नवम्बर तक कुल पांच फेरे लगाएगी।
आत्मिक सुख के प्रति इंसान बेपरवाह
मैसूरु. वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ सिद्धार्थनगर सीआइटीबी परिसर में श्रुत मुनि ने ‘आत्म सुखी बनोÓ का वर्णन करते हुए कहा कि आज इंसान घर का सुख, धन दौलत, व्यापार, संतान, नाम, पद एवं शारीरिक सुख के लिए निरन्तर दौड़ भाग करता रहता है परन्तु आत्मिक सुख के प्रति बेपरवाह एवं अनजान है। ठाणांग सूत्र में आत्मिक सुख के 7 प्रकार बताए हैं।
जिनमें गुरु भगवन्तों के आस पास रहना, बड़े बुजुर्गों के सान्निध्य में रहने से दृष्टि कृपा रूपी आशीर्वाद प्राप्त करना, आदि शामिल है। देवगुरु एवं अनंत परम उपकारी धर्म पर अटूट श्रद्धा रखने से व्यक्ति को आयु, यश, सुकर्म में बढ़ोतरी और आत्मिक सुख प्राप्त होता है। आज साध्वी प्रकाश कंवर का प्रथम पुण्य स्मरण दिवस नवकारसी, पोरषि दिवस के रूप में मनाया गया। जगदगुरु शिवानंद स्वामी एवं सिकंदराबाद से आए संघ ने दर्शन कर आगामी चातुर्मास की विनंती रखी। संघ के अध्यक्ष सम्पत कोठारी ने स्वागत किया।