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महत्वपूर्ण यह है कि व्यक्ति जीवन को कितने उत्तम तरीके से जीता है

locationबैंगलोरPublished: Nov 12, 2019 04:01:29 pm

Submitted by:

Yogesh Sharma

अक्कीपेट धर्मसभा में बोले ज्ञानमुनि

महत्वपूर्ण यह है कि व्यक्ति जीवन को कितने उत्तम तरीके से जीता है

महत्वपूर्ण यह है कि व्यक्ति जीवन को कितने उत्तम तरीके से जीता है

बेंगलूरु. अक्कीपेट स्थित वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ में चातुर्मास प्रवचन में पण्डितरत्न ज्ञानमुनि ने मनुष्य जीवन को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए कहा कि इस संसार में देव बनना भी उतना मुश्किल नहीं है, जितना मनुष्य जन्म का मिलना है। इस संसार में चारों ही गतियों नरक गति, तिर्यंच गति, मनुष्य गति एवं देव गति में सबसे कम संख्या मनुष्य की है। मनुष्य की तुलना में नरक गति के जीव असंख्य हैं। नरक गति के जीवों से असंख्यात गुना देव गति के जीव हैं और देवों से भी अनंत गुना तिर्यंच गति के जीव हैं। संसार के सभी जीवों में सिर्फ मनुष्य ही संयम धर्म की आराधना द्वारा सारे कर्मों का क्षय करके देव गति से भी अनंत गुणा सुखमय अवस्था मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। मनुष्य की वर्तमान में 100 साल से कुछ अधिक की आयु उत्तम मानी गई है। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि मनुष्य कितना जीता है, अपितु महत्वपूर्ण यह है कि व्यक्ति जीवन को कितने उत्तम तरीके से जीता है।
उन्होंने कहा कि जो उम्र के उत्साही एवं ऊर्जा सम्पन्न प्रारंभिक पड़ाव में धर्म से जुड़ जाते हैं उन्हें जीवन के आखरी पड़ाव में शक्ति क्षीण होने पर पश्चाताप नहीं करना पड़ता है। लेकिन जो प्रारम्भ में धर्म से नहीं जुड़ते हैं उन्हें जीवन के आखरी दौर में शक्तिहीनता के कारण धर्म आराधना से वंचित रहना पड़ जाता है और वे इस देव दुर्लभ अनमोल जीवन को व्यर्थ ही गवा देते हैं। याद रखो सांसारिकजन, धन संपत्ति, जमीन जायजाद यहां तक कि हमारा शरीर एवं इन्द्रिया भी हमें धोखा दे देंगी। ज्ञानीजन कहते हैं काले केशा कीजे काम.. अर्थात जब तक शरीर स्वस्थ है हमें धर्माराधना कर लेनी चाहिए। क्योंकि अस्वस्थ शरीर से सिर्फ पश्चाताप ही कर सकते हैं। इस अवसर पर संघ के पूर्व अध्यक्ष पारसमल सालेचा राजकमल, मरुधरा जैन संघ के पूर्व अध्यक्ष नेमीचंद सालेचा राजकुमार, पारसमल सालेचा राजकेसरी, पारसमल तलेसरा ने ज्ञानमुनि से आगामी रविवार को मधुकर मिश्रीमल मुनि की जयंती के लिए सान्निध्य प्रदान करने की विनती की, जिसकी उन्होंने स्वीकृति प्रदान की। संघ के अध्यक्ष सम्पतराज बडेरा ने बताया कि साध्वी पुनीतज्योति बुधवार सुबह 7.15 बजे अक्कीपेट से विहार करके मागड़ी रोड ईटा गार्डन स्थित जैन स्थानक में प्रवेश करेंगी।
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