scriptयह कैसी राजनीति, यहां तो लोग राधाकृष्ण के बारे में कुछ जानते ही नहीं | What kind of politics, people do not know anything about Radhakrishna | Patrika News

यह कैसी राजनीति, यहां तो लोग राधाकृष्ण के बारे में कुछ जानते ही नहीं

locationबैंगलोरPublished: Nov 21, 2019 03:40:18 pm

राजनीतिक हलकों में इसे कांग्रेस और जद-एस का दांव माना जा रहा है। मतदाताओं को भी राधाकृष्ण के बारे में कोई कोई जानकारी नहीं है।

यह कैसी राजनीति, यहां तो लोग राधाकृष्ण के बारे में कुछ जानते ही नहीं

यह कैसी राजनीति, यहां तो लोग राधाकृष्ण के बारे में कुछ जानते ही नहीं

बेंगलूरु. राजनीति में कुछ भी हो सकता है, कल का दुश्मन आज मित्र और आज का मित्र कल दुश्मन भी हो सकता है। इस तरह का उदाहरण चिकबल्लापुर विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। कुमारस्वामी अयोग्य विधायकों को सबक सिखाना चाहते है। यही कारण है कि जद-एस ने यहां ऐसे उम्मीदवार को उतारा है जिससे अगर उनका उम्मीदवार न भी सफल हो तो अयोग्य विधायक जरूर मात खा जाए।
चिकबल्लापुर क्षेत्र से जनता दल एस से के.पी.बच्चेगौड़ा ने नामांकन पर्चा दाखिल किया था लेकिन बच्चेगौड़ा का नामांकन तकनीकी कारणों से खारिज हो। बच्चेगौड़ा पिछले चुनाव में भी पार्टी के प्रत्याशी रहे थे। बच्चेगौड़ा के अलावा कुमारस्वामी की पत्नी अनिता के रिश्तेदार राधाकृष्ण ने भी यहां पर्चा दाखिल किया था। पर्चे को स्वीकार किए जाने के बाद वह पार्टी के उम्मीदवार बने हैं। राधाकृष्ण इस क्षेत्र के लिए नया चेहरा है। राजनीतिक हलकों में इसे कांग्रेस और जद-एस का दांव माना जा रहा है।
मतदाताओं को भी राधाकृष्ण के बारे में कोई कोई जानकारी नहीं है।
इससे संभव है कि सीधी लड़ाई कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार के बीच हो। इससे एक प्रकार से कांग्रेस का समर्थन किए बगैर भी जद-एस एक प्रकार से उसे फायदा देगी। राजनीति विश्लेषकों की मानें तो यह भाजपा के उम्मीदवार डॉ के. सुधाकार को हराने की योजना हो सकती है।

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