जो बाटोंगे वही बेहिसाब मिलेगा-साध्वी भव्यगुणाश्री
बैंगलोरPublished: Sep 23, 2022 08:00:05 am
धर्मसभा का आयोजन
जो बाटोंगे वही बेहिसाब मिलेगा-साध्वी भव्यगुणाश्री
बेंगलूरु. चिंतामणि पाश्र्वनाथ जैन श्वेताम्बर चेरिटेबल ट्रस्ट महालक्ष्मी लेआउट जैन संघ में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री ने कहा कि सृष्टी के नियम “अटल” हैं, जो बाटोंगे वही बेहिसाब आपके लिए “जमा” होता रहेगा। फिर वह चाहे धन,अन्न, प्रेम, सम्मान हो या नफरत,अपमान” हो। उन्होंने कहा कि नदी में गिरने से कभी भी किसी की मौत नहीं होती। मौत तो तब होती है। जब उसे तैरना नहीं आता। ठीक उसी तरह परिस्थितियां कभी भी हमारे लिए समस्या नहीं बनती। समस्या तो तब बनती हैं..,जब हमें परिस्थितियों से निपटना नहीं आता। “विचार” एक “जल” की तरह है, आप उसमें ***** गंदगी मिला दो तो वह “नाला” बन जाएगा, अगर उसमें “सुगंध” मिला दो तो वह “गंगाजल” बन जाएगा। कभी घमंड न करना जिन्दगी में तकदीर बदलती रहती है, शीशा वही रहता है, बस तस्वीर बदलती रहती है।
साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि मोक्ष की चारदिवारी में वही प्रवेश कर सकता है। जो अपनी चारदीवारों को तोड़ सकता है वह चारदीवारे हैं ..क्रोध…लोभ….मोह…और …अहंकार। साध्वीवृंद राजाजीनगर स्थानक में विराजित श्रुतमुनि की निश्रा में आयोजित अक्षर मुनि एवं हंसराज कुंकुंलोल के मासक्षमण तप अनुमोदना कार्यक्रम में शामिल हुए और तपस्वी की अनुमोदना की। श्रुतमुनि को सुखसाता पृच्छा की।