लोकसभा चुनाव की तैयारियां कैसी चल रही हैं? जनता का मूड कैसा है?
तैयारियां काफी अच्छी हैं। अप्रत्याशित जन समर्थन मिल रहा है। हमारे पति अंबरीश के प्रशंसक और कार्यकर्ता सघन चुनावी अभियान चला रहे हैं।
जनता की सेवा करने के लिए राजनीति में आना जरूरी था?
सेवा करने के लिए राजनीति की जरूरत नहीं, लेकिन सरकार से अनुदान या कोई परियोजना अथवा सरकारी कार्यक्रमों के लिए सरकार से सहयोग की जरूरत पड़ती है। एक आम नागरिक के तौर पर और एक जन प्रतिनिधि के तौर पर सरकार से मदद हासिल करने में काफी फर्क होता है। मैं अपने पति की विरासत को आगे बढ़ाना चाहती हूं।
निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडऩे के पीछे वजह?
कांगेस के टिकट का इंतजार कर रही थी। जब संभावनाएं खत्म हो गईं तो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडऩे का फैसला लिया। अगर वो चुनाव नहीं लड़ती तो पति के समर्थकों के साथ अन्याय होता।
भाजपा आपके समर्थन में उम्मीदवार खड़ा नहीं कर रही है?
इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। किसी भी राजनीति दल से ना तो कोई सहयोग मांगा और ना ही किसी से उम्मीदवार खड़ा नहीं करने का अनुरोध किया। भाजपा उम्मीदवार खड़ा करे या नहीं, इससे कोई सरोकार नहीं।
अगर भाजपा कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करती है और आप चुनाव जीत जाती है तो क्या भाजपा को श्रेय देंगी?
इस विषय पर कोई विचार नहीं किया। अभी पूरा ध्यान चुनाव प्रचार पर है। चुनाव परिणाम आने के बाद सोचेंगे।
मंड्या के प्रभारी मंत्री डी.सी.तम्मण्णा और लोक निर्माण मंत्री एच.डी.रेवण्णा की टिप्पणियों पर आप क्या जवाब देंगी?
मैंने अभी पूरी तरह से राजनीति में कदम भी नहीं रखा है। वे दोनों काफी अनुभवी नेता हैं। मैं अभी उन्हें जवाब देना उचित नहीं समझती। हां! इतना जरूर कहना चाहूंगी कि हर महिला का सम्मान करना चाहिए। उन्हें मालूम होना चाहिए कि उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह भी एक महिला किसान ही है।
अपके पति परिवार के किसी सदस्य को राजनीति में नहीं लाना चाहते थे। फिर आप राजनीति में आ गईं?
यह सच है कि मेरे पति परिवार के किसी भी सदस्य को राजनाीति में नहीं लाना नहीं चाहते थेे। लेकिन, हालात ऐसे पैदा हो गए कि उन्हें यह फैसला करना पड़ा। उनके प्रशंसक और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें चुनाव लडऩे के लिए दबाव बनाया। अगर उनकी बात नहीं सुनती तो यह उनके साथ अन्याय होता।
एक तरफ पूर्व विदेश मंत्री एस.एम.कृष्णा और दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या से भेंट करने का क्या अर्थ है?
कृष्णा का संंबंध मन्ड्या जिले से है और सिद्धरामय्या का संबंध मैसूरु जिले से है। दोनों का तालुक मंड्या से है। उनके अनुभवों से कुछ जानना चाहती थी। उनसे कई सुझाव भी मिले।
आपके खिलाफ मुख्यमंत्री के पुत्र निखिल गौड़ा चुनाव लड़ रहे हैं। जीत का भरोसा है?
सामने कौन है, इसकी चिंता नहीं है। मन्ड्या लोकसभा क्षेत्र के हर हिस्से और कोने-कोने तक पहुंच कर लोगोंं से संपर्क करूंगी जीत-हार का नहीं केवल सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का संदेह है।
चुनाव प्रचार कि लिए कौन-कौन आने वाले है?
दखिए ,चुनाव प्रचार करने के लिए किसी से अनुरोध नहीं किया। फिर भी कन्नड़ फिल्मों के सभी प्रमुख कलाकार खुद ही आगे आ रहे हंै। रजनीकंात, चिरंजीवी, कमल हासन, सूर्या, संजय दत्त, खुशबू, नगमा और अन्य कई कलाकारों ने आने का वादा किया है।