कला जगत से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राज्य सरकार इस प्रमुख रंगमंच सभागार के पुनरुद्धार के प्रति उदासीन बनी है। नाटकों के विभिन्न पात्रों को चित्रित करने वाले कलाकरों ने विभिन्न वेशभूषाओं में सजकर कलाग्राम के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करने के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया। ट्रस्ट के संस्थापक अजय कुमार ने कहा कि कलाग्राम न सिर्फ मैसूरु का बल्कि राज्य का प्रमुख रंगमंच सभागार है। हर वर्ष कई नाटकों का मंचन होते रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष ही आग लगने की घटना हुई लेकिन पिछले पांच महीनों से सरकार इस मुद्दे को देखने की जरूरत नहीं समझ रही है। कलाग्राम के आसपास के थिएटर समूह मुख्य रूप से इसी सभागार पर आश्रित हैं, लेकिन पिछले पांच महीनों से वे नाटकों का मंचन नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि रंमंच के ये कलाकार निजी ऑडिटोरियम के किराए को वहन नहीं कर सकते हैं।
इसलिए हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह कलाग्राम की रौनक फिर से लौटाने पर ध्यान दे और गरीब रंगमंच कलाकारों की मदद करे। हस्ताक्षर अभियान के बाद थियेटरों कलाकारों ने कलाग्राम से टाउन हॉल तक बाइक रैली निकाली। उन्होंने कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग के निदेशक को इस मुद्दे से संबंधित ज्ञापन सौंपा।