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कौन होगा शहर का पहला नागरिक

locationबैंगलोरPublished: Sep 02, 2018 09:14:31 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

कांग्रेस और जद-एस गठजोड़ में महापौर पद को लेकर खींचतान, जद-एस ने बाकी दो साल के लिए मांगा महापौर का पद, कांग्रेस दावा छोडऩे के लिए तैयार नहीं

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कौन होगा शहर का पहला नागरिक

बेंगलूरु. शहर के पहला नागरिक बनने के लिए वार्ड पार्षदों लॉबिंग में जुट गए हैं। बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के महापौर आर संपतराज इसी महीने के अंत तक अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं, जिसे हासिल करने के लिए जहां एक तरफ कांग्रेस और जनता दल-एस के बीच खींचतान शुरू हो गई है। वहीं, महापौर पद के दावेदार भी अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। राज्य सरकार ने इस बार महापौर पद को सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित कर दिया है, जिसके लिए दोनों पार्टियों में कई नाम उभरकर आ रहे हैं।
वर्ष 2018-19 के लिए कौन महापौर बनेगा,इस पर फैसला होने से पहले यह तय होना जरूरी है कि किस पार्टी का महापौर बनेगा। हालांकि, कांग्रेस और जद-एस दोनों ही दलों ने मिलकर पहले पालिका और फिर राज्य में गठबंधन सरकार बनाई, मगर कई मुद्दों पर दोनों दलों के बीच आपसी मतभेद खुलकर सामने आते रहे हैं। पालिका में महापौर पद को लेकर शुरू हुई उठापटक कोई नई नहीं हैं। दोनों ही दल चाहते हैं कि अगला महापौर उनकी ही पार्टी का हो। जद-एस के सूत्रों के मुताबिक वे पालिका में अब और हाशिए पर जाना नहीं चाहते। पिछले तीन वर्ष से पालिका में कांग्रेस का महापौर रहा है। इन तीन वर्षों में जद-एस को उप महापौर का पद दिया गया। लेकिन, अब जबकि राज्य में मुख्यमंत्री जद-एस का नेता है तो उचित यही होगा कि महापौर का पद भी उसे दिया जाए। हालांकि, वर्ष 2015 के पालिका चुनाव के परिणाम भाजपा के पक्ष में आए और 100 सीटें जीतकर वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी जबकि कांग्रेस ने 76 और जद-एस ने 14 सीटें जीती। वहीं, 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार और एक सीट पर एसडीपीआई का उम्मीदवार विजयी हुआ। कांग्रेस नेता रामलिंगा रेड्डी के प्रयासों और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से जद-एस के साथ गठबंधन कर कांग्रेस ने पालिका में अपनी सत्ता स्थापित की। कांग्रेस और जद-एस के बेंगलूरु शहर के विधायकों व सांसदों के वोटों ने अहम भूमिका निभाई और बहुमत गठबंधन के पक्ष में रहा। शहर के २८ विधायकों व ५ लोकसभा सदस्यों के अलावा राज्य से लोकसभा, राज्यसभा व विधान परिषद के वैसे सदस्य भी महापौर के चुनाव में मतदान करते हैं जिनका नाम पालिका क्षेत्र की मतदाता सूची में है।
फिलहाल कांग्रेस के संपतराज महापौर हैं, जिनके एक साल का कार्यकाल इसी महीने समाप्त हो रहा है। इस बीच, राज्य सरकार ने इस बार महापौर का पद किसी सामान्य वर्ग की महिला को देने का निर्णय किया गया है। उपमहापौर का पद पर भी समान्य वर्ग के ही किसी प्रतिनिधि की नियुक्ति होगी। कांग्रेस की ओर से जयनगर वार्ड से दो बार की पार्षद गंगाम्बिका मल्लिकार्जुन इस पद की दौड़ में सबसे आगे चल रही हैं। वे लिंगायत समुदाय से हैं। उनके अलावा शांतिनगर वार्ड की महिला पार्षद सौम्या शिवकुमार और लिंगराजपुरम की पार्षद लावण्या गणेश रेड्डी भी महापौर पद की दौड़ में हैं।
जद-एस की ओर से वृषभावती वार्ड की पार्षद एसपी हेमलता को इस पद का प्रमुख दावेदार बताया जा रहा है। वहीं पार्टी की कावल बैरसंद्रा वार्ड की पार्षद नेत्रा नारायण भी इस दौड़ में है। जद-एस के एक नेता ने कहा कि पार्टी के अधिकांश नेता यह चाहते हैं कि महापौर पद पर उनका उम्मीदवार हो। लेकिन, इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी और पार्टी सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा को ही करना है।
भले ही जद-एस नेताओं को लगता है कि अगला महापौर उनकी पार्टी का चुना जाना चाहिए लेकिन, कांग्रेस इस पद को छोडऩे को तैयार नहीं है। राज्य के मुख्यमंत्री का पद छोडऩे वाली कांग्रेस किसी भी हाल में महापौर का पद हाथ से नहीं जाने देगी। कांग्रेस के एक नेता ने कहा उनके पास जद-एस से अधिक सीटें हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने उपमहापौर और तीन स्थायी समितियों के अध्यक्ष का पद जद-एस को दिया है। गठबंधन के लिए यह समझौता उचित है। कांग्रेस किसी भी सूरत में जद-एस को महापौर पद हथियाने नहीं देगी।
वहीं कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि महापौर पद के लिए गंगाम्बिका पहली पसंद हैं। विशेष तौर पर पूर्व गृहमंत्री और बीटीएम ले-आउट के विधायक रामलिंगा रेड्डी गंगाम्बिका के पक्ष में खड़े हैं। वहीं शांतिनगर के विधायक एन हैरिस सौम्या का समर्थन कर रहे हैं।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि रामलिंगा रेड्डी की अनदेखी पार्टी नहीं कर पाएगी। मंत्रिमंडल गठन में भले ही उनकी अनदेेखी की गई, लेकिन बेंगलूरु में पार्टी की संभावनाओं को बेहतर बनाने वाले रेड्डी पिछले 20 वर्षों से वहीं शहर की राजनीति के केंद्र बिंदु में रहे हैं। शहर के लगभग सभी पार्षद अपने-अपने क्षेत्रों में उनकी ही बदौलत आगे बढ़े। विशेष रूप से जब भी महापौर की बात आती है तो उनकी अनदेखी करना नामुमकिन होता है। भाजपा ने अभी महापौर व उपमहापौर के चुनाव में उम्मीदवार उतारने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।
फैक्ट फाइल
-259 मतदाता चुनेंगे महापौर व उप महापौर
-61गैर वार्ड पार्षद मतदात भी हैं इनमें, जो सांसद व विधायक हैं
-198 वार्ड पार्षद
-127 मतदाता कांग्रेस व जद-एस गठबंधन के पास
-124 मतदाता भाजपा के पास
-08 निर्दलीय सदस्य भी हैं मतदाता
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