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अमित शाह ने क्यों कहा कर्नाटक में आसान नहीं है जीत

locationबैंगलोरPublished: Apr 20, 2018 07:36:56 pm

Submitted by:

Sanjay Kumar Kareer

यह कई मायनों में अलग है, अगर पार्टी जीतती है तो फिर से दक्षिण मेें सत्ता का द्वार खुल जाएगा

amit shah
बेंगलूरु. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को पार्टी के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं को चेताते हुए कहा राज्य विधानसभा चुनाव को वे हल्कें में नहीं लें। यह कोई साधारण चुनाव नहीं है। शहर के बाहरी इलाके देवनहल्ली में बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं के सम्मलेन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि अगर आराम छोड़ दें और तब तक चैन नहीं लें जब तक बी एस येड्डियूरप्पा मुख्यमंत्री नहीं बन जाएं। शाह ने कहा कि इस बार का चुनाव साधारण नहीं है। यह कई मायनों में अलग है। अगर पार्टी जीतती है तो फिर से दक्षिण मेें सत्ता का द्वार खुल जाएगा।
शाह ने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से हम 14 राज्यों में चुनाव जीते चुके हैं और अब कर्नाटक की बारी है। शाह ने कार्यकर्ताओं से सवालिया लहजे में पूछा कि आपको पता है कि क्या होगा। कार्यकर्ताओंं के भाजपा के जीत के नारों के बीच शाह ने कहा कि यह आसान नहीं है, जो दक्षिण में फिर से हमारे प्रवेश का द्वार खोलेगा। शाह ने कहा कि हमारे सभी बूथ स्तरीय कार्यकर्ता और शक्ति केंद्रों के प्रमुख 15 मई तक सबकुछ छोड़कर सिर्फ चुनाव में जुट जाएं ताकि येड्डियूरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया जा सके। शाह ने कहा कि राज्य में सत्ता परिवर्तन अवश्यंभावी है क्योंकि जनता सिद्धरामय्या सरकार से आजिज आ चुकी है। शाह ने कहा कि कभी देश में सबसे ज्यादा राजस्व संग्रहित करने वाले बेंगलूरु कांग्रेस के शासनकाल में खंडहर में तब्दील हो गया है।
शाह ने सिद्धरामय्या सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि इस शहर का विकास यातायात जाम की तरह अवरुद्ध हो गया है कि कोई भी काम बिना कमीशन के नहीं हो रहा है। मोदी सरकार ने राज्य को तीन लाख करोड़ रुपए दिए जबकि मनमोहन सरकार ने सिर्फ 88 हजार करोड़ रुपए दिए थे। शाह ने भाजपा और संघ परिवार के कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर भी सिद्धरामय्या सरकार पर निशाना साधा। शाह ने कहा कि जहां दूसरी पार्टियां नेताओं पर केंद्रित हैं वहीं भाजपा कैडर आधारित पार्टी है। यही कारण भाजपा आज २ सीटों से बढ़कर ३२९ तक पहुंच गई है।
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शाह ने फिर उठाया टीपू जयंती का मसला
बेंगलूरु. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सिद्धरामय्या सरकार द्वारा टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के मसले को एक बार फिर से तूल देकर हिंदुत्व का कार्ड खेलने का प्रयास किया। शाह ने गुरुवार को एक संवाद कार्यक्रम में कहा कि सिद्धरामय्या ने संत बसवण्णा सहित प्रदेश के अन्य विद्वजनों के सम्मान में उनकी जयंती मनाने में कभी रुचि नहीं दिखाई लेकिन टीपू की जयंती मनाने की बहुत अधिक चिंता रही। उन्होंने कहा मुझे समझ में नहीं आता कि इस तरह की मानसिकता के पीछे उनका मकसद क्या है। उन्होंने महंगी घड़ी उपहार में लेने के लिए सिद्धरामय्या पर निशाना साधते हुए कहा कि सिद्धरामय्या को इस बात का जवाब देना होगा कि वास्तव में किसने यह बेशकीमती घड़ी उनको उपहार में दी थी। शाह ने अपना बायां हाथ लहराते हुए कहा कि हम सभी जानना चाहते हैं कि आपको यह बेशकीमती घड़ी किसने व किस काम के लिए उपहार में दी थी।
उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए संसद में पेश विधेेयक अटकाने के लिए भी कांग्रेस की निंदा की। शाह ने शाम को व्यापार व उद्योग जगत की हस्तियों के साथ भी संवाद कार्यक्रम में भाग लिया और राज्य में भाजपा को दोबारा सत्ता में लाने के लिए समर्थन देने की अपील की।
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