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कर्नाटक विधान परिषद चुनाव : भाजपा ने येडियूरप्पा के बेटे विजयेंद्र को क्यों नहीं दिया टिकट?

Karnataka Politics : कर्नाटक विधान परिषद द्विवार्षिक चुनाव: तीनों दलों के उम्मीदवारों ने भरे पर्चे

बैंगलोरMay 25, 2022 / 02:53 am

Jeevendra Jha

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बेंगलूरु. राज्य विधानसभा से विधान परिषद की सात सीटों के लिए ३ जून को होने वाले द्विवार्षिक चुनाव का मंच सज चुका है। मंगलवार को आखिरी दिन तीनों दलों- सत्तारुढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस और जद-एस के सात उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए। कांग्रेस ने सोमवार शाम उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी जबकि भाजपा और जद-एस ने नामांकन की समय-सीमा खत्म होने से कुछ घंटे पहले प्रत्याशियों के नाम घोषित किए। विधानसभा में संख्या बल के आधार पर भाजपा ४, कांग्रेस २ और जद-एस एक सीट जीतने की स्थिति में है। किसी दल के अतिरिक्त प्रत्याशी नहीं उतारने और सिर्फ सात उम्मीदवारों के नामांकन पत्र भरने के कारण निर्विरोध चुनाव की संभावना है।

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सवदी को फिर टिकट
भाजपा आलाकमान ने प्रदेश कोर समिति की सिफारिश के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा के बेटे और प्रदेश उपाध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को टिकट नहीं दिया। भाजपा के चारों प्रत्याशी प्रदेश इकाई में पदाधिकारी हैं। आसन्न विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने समीकरणों साधने क कोशिश करते हुए एक पुराने और तीन नए चेहरे को टिकट दिया है। भाजपा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सवदी को एक बार फिर परिषद के टिकट दिया। इसके अलावा प्रदेश पार्टी सचिव हेमलात नायक और एस. केशव प्रसाद, प्रदेश भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष सी. नारायणस्वामी को टिकट दिया। पार्टी सूत्रों का कहना है कि येडियूरप्पा चाहते थे कि पार्टी उनके दूसरे बेटे विजयेंद्र को परिषद चुनाव में टिकट दे। येडियूरप्पा भी कोर समिति की उस बैठक में शामिल थे जिसमें विजयेंद्र के नाम की सिफारिश की गई थी। जानकारों के मुताबिक पार्टी आलाकमान ने अगले साल होने वाले चुनाव से पहले परिवारवाद के आरोपों से बचने के लिए विजयेंद्र को टिकट नहीं देने का निर्णय लिया। वर्ष २०१८ में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने वरुणा से विजयेंद्र को टिकट नहीं दिया था। येडियूरप्पा शिकारीपुर से विधायक हैं जबकि उनके बेटे बीवाई राघवेंद्र शिवमोग्गा से लोकसभा के सदस्य हैं। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि विजयेंद्र को विधान सभा चुनाव में मौका मिल सकता है। साथ ही विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। विजयेंद्र को शिकारीपुर या पुराने मैसूरु क्षेत्र के किसी क्षेत्र से टिकट देने की चर्चा है। विजयेंद्र भी मौका मिलने पर पुराने मैसूरु क्षेत्र में काम करने की बात कह चुके हैं।

फैसले पर कयासों का दौर जारी
भाजपा नेताओं का एक वर्ग विजयेंद्र को टिकट दिए जाने के पक्ष में था ताकि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने का रास्ता साफ हो सके। हालांकि, भाजपा के एक खेमे में पार्टी आलाकमान के फैसले को येडियूरप्पा के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष के करीबी सवदी और केशव प्रसाद को टिकट मिलने को येडियूरप्पा खेमे के लिए झटका माना जा रहा है। प्रदेश उपाध्यक्ष सवदी पहले भी विधान परिषद सदस्य रह चुके हैं।

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… तो निर्विरोध चुनाव तय
बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच होगी जबकि 27 मई तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। यदि सिर्फ ७ उम्मीदवार ही मैदान में रहेंगे तो निर्विरोध चुनाव होगा और नाम वापसी की समय सीमा समाप्त होने पर सभी के चुने जाने की घोषणा कर दी जाएगी। विधान परिषद के 7 सदस्यों का कार्यकाल 14 जून को पूरा हो रहा है। सेवानिवृत होने वाले पार्षदों में भाजपा के लक्ष्मण सवदी और लहर सिंह सिरोया, कांग्रेस के आरबी तिम्मापुर, ए.वीरभद्रप्पा और वीणा आचय्या तथा जद-एस के एचएम रमेश गौड़ा और केवी नारायण स्वामी शामिल हैं।

भाजपा के पास अभी बहुमत नहीं
विधान परिषद का यह चुनाव सत्तारूढ़ भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। पार्टी परिषद में बहुमत हासिल करने के बेहद करीब है। 75 सदस्यीय विधान परिषद में सत्तारूढ़ भाजपा के 37 सदस्य है और वह बहुमत के आंकड़े से सिर्फ एक कम है। कांग्रेस के 26 और जद-एस के 10 सदस्य हैं।

जद-एस ने सरवण को दिया टिकट
जनता दल-एस ने कारोबारी और प्रदेश प्रवक्ता टीए सरवण को टिकट दिया। सरवण पहले भी परिषद के सदस्य रह चुके हैं।

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उम्मीदवारों ने भरे पर्चे
टिकट की घोषणा के कुछ ही देर बाद भाजपा के चारों उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए। प्रदेश अध्यक्ष कटील, प्रदेश उपाध्यक्ष निर्मल सुराणा, मंत्री शिवराम हेब्बार, के. गोपालय्या, सी.सी. पाटिल, आर. अशोक, उमेश कत्ती आदि मौजूद रहे। कांग्रेस के उम्मीदवार अब्दुल जब्बार और नागराजू यादव के नामांकन के समय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार, विधान सभा में विपक्ष के नेता सिद्धरामय्या, विधान परिषद में विपक्ष के नेता बीके हरिप्रसाद, पूर्व मंत्री एमबी पाटिल, आरवी देशपांडे आदि मौजूद रहे। जद-एस उम्मीदवार टीए सरवण ने पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, प्रदेश अध्यक्ष सीएम इब्राहिम, पूर्व मंत्री बंडाप्पा काशमपुर की मौजूदगी में पर्चा भरा।

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