बैंगलोर

कर्नाटक: येडियूरप्पा के इस दांव ने क्यों दक्षिण में बढ़ा दी BJP की मुश्किल

येडि नहीं लड़ेंगे 2023 का विस चुनाव, बेटे के लिए छोडेंगे सीट शिकारीपुर विस सीट विजयेंद्र के लिए छोड़ी जनता से मांगा विजयेंद्र के लिए समर्थन

बैंगलोरJul 23, 2022 / 02:41 am

Rajeev Mishra

बेंगलूरु. लगभग एक साल की चुप्पी तोड़ते हुए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिग्गज लिंगायत नेता बीएस येडियूरप्पा bs yediyurappa ने अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी की घोषणा कर दी। शिवमोग्गा जिले के शिकारीपुर विधानसभा क्षेत्र से आठ बार प्रतिनिधित्व करने वाले येडियूरप्पा ने अपने छोटे बेटे बीवाइ विजयेंद्र bs vijayendra को अपनी राजनीतिक विरासत का अगला वारिस माना है। येडियूरप्पा ने ऐलान किया वे अगले चुनाव में इस सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे।

शिवमोग्गा जिले में शुक्रवार को कई विकास कार्यों का उद्घाटन करने के बाद येडियूरप्पा ने अपने संबोधन में राज्य की जनता से विजयेंद्र के लिए समर्थन मांगा और यह स्पष्ट किया कि शिकारीपुर विधानसभा क्षेत्र से अगली बार विजयेंद्र चुनाव लड़ेंगे। येडियूरप्पा ने कहा ‘हमने इस निर्वाचन क्षेत्र के लिए बहुत कुछ किया है। भविष्य में भी इसे सुधारने का प्रयास करते रहेंगे। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि जो प्यार और समर्थन आपने मुझे दिया है। वहीं, प्यार और समर्थन मेरे बेटे विजयेंद्र को दीजिए।Ó येडियूरप्पा की इस घोषणा को उनकी चुनावी राजनीतिक पारी का अंत माना जा रहा है। येडि के बड़े बेटे राघवेंद्र शिवमोग्गा लोकसभा क्षेत्र से सदस्य हैं जबकि विजयेंद्र अभी प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष हैं।

येडियूरप्पा ने यह घोषणा तब की है जब सत्तारूढ़ भाजपा बसवराज बोम्मई के बतौर मुख्यमंत्री एक साल पूरे होने के अवसर पर बेंगलूरु से लगभग 50 किमी दूर दोड्डबल्लापुर में एक भव्य समारोह की तैयारी कर रही है। येडियूरप्पा के अचानक घोषणा से कई नेताओं की भौहें चढ़ गई। वहीं, पार्टी के भीतर व्याप्त असंतोष की लहर सामने आ गई।

पुराने मैसूरु क्षेत्र से मौका चाहते थे विजयेंद्र
येडियूरप्पा के करीबी सूत्रों के मुताबिक विजयेंद्र पुराने मैसूरु क्षेत्र में पार्टी का आधार मजबूत करना चाहते थे। उनकी नजर मैसूरु अथवा चामराजनगर जिले से चुनाव लडऩे पर थी। अपना राजनीतिक भविष्य दांव पर लगाकर वे विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरामय्या के खिलाफ वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव लडऩे को तैयार थे। राज्य में पिछले चुनावों और उपचुनावों में पार्टी की जीत में उनकी भूमिका भी काफी अहम रही। लेकिन, पार्टी आलाकमान का विश्वास नहीं जीत सके। विजयेंद्र को पिछले विधानसभा चुनाव में वरुणा से तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के बेटे यतींद्र के खिलाफ टिकट नहीं मिला था। बोम्मई सरकार में विजयेंद्र को मंत्री बनाने की मांग भी होती रही। विधान परिषद चुनाव में भी विजयेंद्र को टिकट नहीं मिला।

… तो इस कारण येडि ने की ये घोषणा
सूत्रों के मुताबिक येडियूरप्पा ने यह घोषणा विजयेंद्र के दिल्ली से लौटने के दो दिन बाद की है। कयास लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली में पार्टी आलाकमान ने विजयेंद्र को पुराने मैसूरु क्षेत्र से आगे बढ़ाने में विशेष रुचि नहीं दिखाई। इसने येडियूरप्पा को अपने गृह नगर में सार्वजनिक मंच से यह घोषणा करने के लिए प्रेरित किया। येडियूरप्पा की इस घोषणा ने दिल्ली में पार्टी नेतृत्व को अचंभे में डाल दिया है। अमूमन चुनावी साल में ऐसी घोषणाएं पार्टी आलाकमान की ओर से की जाती हैं। अब चूंकि, येडियूरप्पा ने घोषणा कर दी है तो पार्टी के सामने यही विकल्प है कि वह इसके अनुरूप चले। अगर, येडियूरप्पा की इच्छा के विपरीत पार्टी चलती है तो इसका प्रतिगामी प्रभाव पड़ेगा और भाजपा को उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

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ये सिर्फ ट्रेलर है…
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा ‘उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया और कोई नाराजगी नहीं जताई। बोम्मई का समर्थन करने को कहा गया और उन्होंने शालीनता से उसका पालन किया। प्रदेश का दौरा करने से उन्हें रोका गया और चुनावी अभियान नहीं चलाने को कहा गया। वे चुप रहे। पार्टी ने संभवत: येडियूरप्पा को राजनीति से रिटायर्ड मान लिया और उनसे आगे की सोच रही है। लेकिन, उनके पास अभी भी 5 साल की राजनीतिक पूंजी है जिसे भुनाना चाहते हैं। शुक्रवार की घोषणा तो केवल ट्रेलर है। आप येडियूरप्पा को ‘रेस्ट’ दे सकते हैं ‘टेस्ट’ नहीं कर सकते।’

शिकारीपुर सुरक्षित सियासी गढ़
शिकारीपुर येडियूरप्पा परिवार के लिए सुरक्षित जीत मानी जाती है। 1999 को छोड़कर 1983 में पहली बार निर्वाचित होने के बाद येडियूरप्पा आठ बार शिकारीपुर से विधायक चुुने गए। उनके बेटे राघवेंद्र भी एक बार इस सीट से जीते।
राज्य का दौरा करेेंगे येडि
बाद में पत्रकारों से बातचीत में विजयेंद्र ने कहा कि वे अपने पिता और पार्टी के निर्णय का पालन करेंगे। येडियूरप्पा के राजनीति से संन्यास लेने की अटकलों पर विजयेंद्र ने कहा कि उनके पिता के शब्दकोश में सेवानिवृत्ति शब्द शामिल नहीं हैं। वे राज्य का दौरा करेंगे और पार्टी को मजबूत करेंगे।
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भाजपा के साथ बना रहेगा येडि का साथ : बोम्मई
उधर, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विश्वास जताया कि अगले चुनाव में बीएस येडियूरप्पा की ताकत और मार्गदर्शन भाजपा के पास होगा।


नई दिल्ली में शुक्रवार को संवाददाताओं से बात करते हुए बोम्मई ने कहा कि येडियूरप्पा ना तो थके हैं और ना ही सेवानिवृत होंगे। वह पार्टी के लिए निरंतर लडऩे वाले एक फाइटर हैं। येडियूरप्पा के चुनाव नहीं लडऩे और शिकारीपुर से बीवाई विजयेंद्र के चुनाव लडऩे की घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बोम्मई ने कहा ‘येडियूरप्पा हमेशा भाजपा के साथ रहेंगे। उसका अपना महत्व है। पार्टी के शीर्ष नेता उनकी अहमियत से वाकिफ हैं। वे ना तो टायर्ड हैं और ना ही रिटायर्ड। जब मैं उनसे मिलूंगा तो इस मुद्दे पर चर्चा करूंगा।Ó
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