मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव की रणनीति व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रदेश प्रवास से पूर्व तैयारियों के संबंध में मंगलवार को पार्टी के प्रमुख नेताओं व पदाधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अफसोस जताया कि जिला प्रवास के दौरान उनको जानकारी मिली कि लोगों को सरकारी कार्यक्रमों के बारे में जानकारी तक नहीं है। लोगों से पूछा गया कि चावल कौन देता है? और ऋण किसने माफ किया? तो उनका उत्तर होता है कि सोसायटी वालों ने किया है।
इससे साबित होता है कि हमारे कार्यक्रमों के बारे में जनता को सही जानकारी तक नहीं है। सरकार के कार्यक्रमों को जनता के बीच पेश करके उनको सही जानकारी दी जानी चाहिए पर यह काम आप लोगों से हो नहीं रहा है। संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी ने बड़ी संख्या में पदाधिकारियों को नियुक्त किया है और साथ ही बूथ कमेटियां भी गठित की हैं।
इतना सब कुछ देने पर भी लोग सोसायटी वालों व पटवारियों को इसका श्रेय देते हैं। हमने पिछले चुनाव घोषणा पत्र के तमाम वादों पर अमल किया है। लिहाजा कार्यकर्ताओं को शहरों व कस्बों में डेरा डालने के बजाय गांव-गांव जाकर हमारे कार्यक्रमों से लोगों को परिचित करवाने का काम करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा वालों के लिए देश में अन्यत्र कहीं भी चुनाव नहीं है, लिहाजा संघ परिवार वाले यहां डेरा डालेंगे। इस बारे में सावधान रहने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री की बजट तैयारी बैठकें 18 से
आगामी विधानसबा के चुनाव के मद्देनजर 16 फरवरी को बजट पेश करने जा रहे मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या 18 जनवरी से बजट तैयारी बैठकें करेंगे। मुख्यमंत्री बजट की रूपरेखा के बारे में चर्चा करने के लिए गुरुवार से 15 दिनों तक किसान संगठनों, उद्योग व व्यापार जगत के प्रतिनिधियों के अलावा सरकार के विभिन्न विभागों की मांगों के संबंध में विभागीय प्रमुखों व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री प्रतिदिन तीन से चार विभागों की बैठकें लेंगे जिनमें विभागों के मंत्री, विभागीय प्रमुख तथा अन्य अधिकारी अपने विभागों के नए कार्यक्रमों को बजट में शामिल करने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए बजट में समुचित वित्तीय प्रावधान करने के बारे में सुझाव देंगे।