बैंगलोर

आखिर कर्नाटक के इस नेता का चेहरा क्यों नहीं देखना चाहते हैं देवगौड़ा

गठबंधन में रहते हुए देवगौड़ा ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सिद्धरामय्या के साथ मंच भी साझा किया था लेकिन अब देवगौड़ा कह रहे हैं कि वे एक बार फिर से सिद्धरामय्या का चेहरा नहीं देखना चाहते हैं।

बैंगलोरNov 08, 2019 / 01:16 am

Jeevendra Jha

आखिर कर्नाटक के इस नेता का चेहरा क्यों नहीं देखना चाहते हैं देवगौड़ा

बेंगलूरु. पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के परिवार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के बीच काफी पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंदिता है। कभी सिद्धरामय्या भी देवगौड़ा के साथ राजनीति करते थे लेकिन बाद में दोनों के रास्ते अलग-अलग हो गए। राजनीति राह अलग होने के साथ ही दोनों नेताओं के बीच रिश्तों में भी तनाव बढ़ गया। जद-एस छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने वाले सिद्धरामय्या पांच साल मुख्यमंत्री भी रहे लेकिन दोनों नेताओं के रिश्ते नहीं सुधरे।
पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद देवगौड़ा के बेटे एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस और जद-एस गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद से दोनों नेताओं के बीच रिश्ते सुधरे लेकिन जुलाई में गठबंधन सरकार के पतन के बाद से सिद्धरामय्या और देवगौड़ा-कुमारस्वामी के बीच राजनीतिक रिश्ते फिर से बिगडऩे लगे हैं। हालांकि, गठबंधन में रहते हुए देवगौड़ा ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सिद्धरामय्या के साथ मंच भी साझा किया था लेकिन अब देवगौड़ा कह रहे हैं कि वे एक बार फिर से सिद्धरामय्या का चेहरा नहीं देखना चाहते हैं।

दरअसल, देवगौड़ा अपने और ्रकुमारस्वामी पर लगाए सिद्धरामय्या के आरोपों से आहत हैं। गुरुवार को अपने गृह नगर हासन में पत्रकारों से बातचीत में विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरामय्या पर भी निशाना साधा। देवगौड़ा ने कहा कि वे सिद्धरामय्या का चेहरा दुबारा नहीं देखना चाहते हैं। सिद्धरामय्या के आरोपों को खारिज करते हुए देवगौड़ा ने कहा कि वे कभी भी भाजपा या येडियूरप्पा के खिलाफ नरम नहीं रहे हैं। देवगौड़ा ने भाजपा के साथ संभावित गठबंधन को लेकर दिए गए बयान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर पर भी निशाना साधा। नाराज देवगौड़ा ने कहा कि जद-एस को अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए किसी नेता या पार्टी को लुभाने की जरुरत नहीं है। देवगौड़ा ने कहा कि वे 60 साल से राजनीति में हैं और उन्हें पता है कि राजनीति में कैसे क्या करना है। देवगौड़ा ने मौजूदा राजनीतिक हालात में भाजपा से विधानसभा उपचुनावों से पहले या बाद में गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।

इससे पहले भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों पर देवगौड़ा पत्रकारों पर नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि चाहे सिद्धरामय्या हों या येडियूरप्पा, वे किसी के घर कभी पारिवारिक रिश्ते को बढ़ाने के लिए नहीं गए। देवगौड़ा ने कहा कि उन्हें राजनीति में सही समय पर सही निर्णय लेने के बारे में पता है। भाजपा और जद-एस के बीच संभावित गठबंधन की चर्चाओं के बारे में पूछे जाने देवगौड़ा ने कहा कि उनका रुख भाजपा या मुख्यमंत्री येडियूरप्पा के खिलाफ नरम नहीं है।
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