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कर्नाटक के सीएम येडियूरप्पा ने क्यों कहा, भाजपा आलाकमान कहे तो पद छोडऩे को तैयार… जानिए पूरी कहानी

locationबैंगलोरPublished: Jun 08, 2021 02:14:14 am

Submitted by:

Rajeev Mishra

विजयेंद्र के दिल्ली दौरे के बाद मुख्यमंत्री ने तोड़ी चुप्पी प्रदेश नेतृत्व में विकल्प की कमी से सहमत नहीं

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मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा

बेंगलूरु. राज्य में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर लंबे समय से चली आ रही अटकलों पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने कहा कि जब तक आलाकमान का उनपर भरोसा है, वे मुख्यमंत्री बने रहेंगे। जिस दिन शीर्ष नेतृत्व पद छोडऩे को कहेगा, उसी दिन इस्तीफा दे देंगे। यह पहला अवसर है जब येडियूरप्पा ने नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर खुलकर विस्तार से बात की है।

येडियूरप्पा का यह स्पष्ट बयान उनके बेटे एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के दिल्ली दौरे के बाद आया है। दिल्ली दौरे के दौरान वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। एक दिन पहले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने भी कहा था कि येडियूरप्पा शेष कार्यकाल पूरा करेंगे।

मुख्यमंत्री ने यहां रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ‘जब तक दिल्ली आलाकमान को मुझ पर भरोसा है, मैं मुख्यमंत्री बना रहूंगा। जिस दिन वो कहेंगे कि मुझे नहीं चाहते, मैं इस्तीफा दे दूंगा और राज्य के विकास के लिए दिन-रात काम करूंगा। मुझे किसी तरह का भ्रम नहीं है। उन्होंने (आलाकमान) मुझे एक अवसर दिया और मैं इसका उपयोग करने के लिए अपनी ताकत से भी ज्यादा प्रयास कर रहा हूं। बाकी आलाकमान पर छोड़ दिया है।Ó वैकल्पिक नेतृत्व पर के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं किसी की आलोचना नहीं करूंगा। मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि कोई वैकल्पिक व्यक्ति (नेतृत्व) नहीं है। राज्य में विकल्प की कमी नहीं है। लेकिन, जब तक आलाकमान को मुझ पर भरोसा है, मैं मुख्यमंत्री बना रहूंगा।Ó

काफी समय से चल रही है उथल-पुथल
दरअसल, पिछले कुछ समय से प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल के संकेत मिल रहे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा के कई विधायक 78 वर्षीय दिग्गज लिंगायत नेता येडियूरप्पा से नाराज हैं। कांग्रेस से भाजपा में आए विधान पार्षद एवं पर्यटन मंत्री सीपी योगेश्वर और हुब्बल्ली-धारवाड़ (पश्चिम) के विधायक अरविंद बेल्लद के दिल्ली दौरे के बाद पार्टी के भीतर बढ़ता असंतोष खुलकर सामने आ गया। कथित तौर पर योगेश्वर का दिल्ली का दौरा शीर्ष नेताओं के समक्ष येडियूरप्पा की कार्यप्रणाली के खिलाफ कुछ विधायकों की भावनाओं को व्यक्त करने और सरकार के कुछ निर्णयों का हवाला देते हुए विधायक दल की बैठक बुलाने पर जोर देने के लिए था।

विरोधियों पर लगाम लगाने का अनुरोध
योगेश्वर के दौरे के बाद विजयेंद्र ने भी हाल ही में दिल्ली का दौरा किया। इस दौरान उनकी मुलाकात राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं से हुई। सूत्रों के मुताबिक विजयेंद्र ने विरोधियों पर लगाम लगाने का अनुरोध केंद्रीय नेताओं से किया।

बढ़ती उम्र का हवाला
इससे पहले भी ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा आलाकमान आने वाले दिनों में येडियूरप्पा की बढ़ती उम्र को देखते हुए नेतृत्व परिवर्तन पर विचार कर रहा है। भाजपा में परंपरा रही है कि 75 वर्ष से ऊपर के नेताओं को मंत्री पद पर नहीं रहना चाहिए। हालांकि, पार्टी पहले भी इस तरह की अटकलों को आधिकारिक तौर पर खारिज किया है, लेकिन, बसवनगौड़ा पाटिल यत्नाल जैसे कुछ वरिष्ठ विधायकों ने येडियूरप्पा को सीएम पद से हटाने की मंशा जाहिर करते हुए उनकी उम्र का जिक्र किया।
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