सिफारिशों को लागू करने में कुछ तकनीकी समस्या को बाधा बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीकी समस्या तो एक दिन में हल हो सकता है। बेंगलूरु को आईटी हब कहा जाता है फिर तकनीकी समस्या हल करने के लिए एक साल के समय की जरूरत समझ में नहीं आती है।
पूरी होनी हैं 25 मांगें
पुलिस कर्मचारियों ने सरकार से अपनी कुल २५ मांगों को पूरा करने की मांग की है। इसमें हर माह समय पर वेतन और छुट्टी नहीं मिलने तथा कई समस्याओं का विवरण दिया है। वर्ष २०१६ में पुलिस कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर धरना देने की योजना बनाई थी। उस समय सरकार ने यह घोषणा कर दी कि पुलिस कर्मचारियों को धरना देने का अधिकार नहीं है। फिर सरकार ने मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से समिति गठित की। समिति ने एक साल तक अध्ययन कर सरकार को रिपोर्ट पेश की थी।
पुलिस कर्मचारियों ने सरकार से अपनी कुल २५ मांगों को पूरा करने की मांग की है। इसमें हर माह समय पर वेतन और छुट्टी नहीं मिलने तथा कई समस्याओं का विवरण दिया है। वर्ष २०१६ में पुलिस कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर धरना देने की योजना बनाई थी। उस समय सरकार ने यह घोषणा कर दी कि पुलिस कर्मचारियों को धरना देने का अधिकार नहीं है। फिर सरकार ने मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से समिति गठित की। समिति ने एक साल तक अध्ययन कर सरकार को रिपोर्ट पेश की थी।
हालांकि कांग्रेस सरकार और फिर गठबंधन सरकार में सिफारिशों को पूरा नहीं किया जा सका और अब भाजपा सरकार ने पहली सिफारिश के तहत गत वर्ष अक्टूबर में वेतन वृद्धि करने की घोषणा की थी। लेकिन, बाद में सरकार ने अपने फैसले को रद्द किया। पुलिसकर्मियों की छुट्टी के दिन काम करने पर ३०० रुपए भत्ता देने, हर माह मुफ्तअनाज, विशेष किट, चिकत्सा भत्त्ता, साल मे एक बार परिवार के सदस्यों को रेल या बस में मुफ्त यात्रा करने का अवसर देने, मुफ्त बस पास समेत २५ मांगों को पूरा करने की मांग की है।