बैंगलोर

एयर कूलर, पानी, विशेष आहार से वन्यजीव हुए कूल

सेहत पर विशेष ध्यान रख रहा है मैसूरु चिड़ियाघर प्रबंधन

बैंगलोरMar 24, 2023 / 06:06 pm

Nikhil Kumar

एयर कूलर, पानी, विशेष आहार से वन्यजीव हुए कूल

मैसूरु. वन्यजीव भी भीषण गर्मी की मार झेल रहे हैं। इन्हें ठंडा और हाइडे्रटेड रखने के लिए मैसूरु चिड़ियाघर ने एक विशेष योजना बनाई है। चिड़ियाघर प्रबंधन मानसून की शुरुआत तक इन वन्यजीवों के स्वास्थ्य और आहार पर विशेष ध्यान रखेगा। चिड़ियाघर के अधिकारियों के अनुसार वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि पशु और पक्षी गर्मी से निजात पा सकें।

वाटर स्प्रेयर, छोटे तालाब

मैसूरु चिड़ियाघर के कार्यकारी निदेशक अजीत कुलकर्णी ने बताया कि जानवरों के बाड़ों में स्थापित वाटर स्प्रेयर जानवरों और पक्षियों को गर्मी से बचाने में मदद कर रहे हैं। साथ ही आसपास के वातावरण को ठंडा रखते हैं। कई स्थानों पर छोटे तालाब विकसित किए गए हैं और हरी छतरी परिसर को ठंडा रखती है। पानी स्प्रेयर और जेट दिन में दो या तीन बार संचालित होते हैं और जिराफ सहित अन्य जानवरों को ठंडा रखने के लिए उन पर भी पानी बरसाया जाता है।

तीन माह लंबी योजना

कुलकर्णी ने कहा, हमारी ग्रीष्मकालीन प्रबंधन योजना तीन सप्ताह पहले पेश की गई थी। हमारा उद्देश्य जानवरों को ठंडा, हाइड्रेटेड और स्वस्थ रखना है। तीन माह लंबी योजना गर्मी के प्रबंधन के लिए उपयोगी है।

त्वचा पर कीचड़ दे रहा राहत

कुछ बाड़ों में स्लश (कीचड़) तालाब बनाए गए हैं। जानवर खुद भीगते हैं। त्वचा पर कीचड़ जानवरों को गर्मी से बचाता है। इस तरह के तालाब गैंडे, भारतीय गौर और अन्य जानवरों के बाड़े में बनाए गए हैं।


गोरिल्ला, वनमानुषों व चिंपाजी को ज्यादा गर्मी

शरीर घने बालों से ढके होने के कारण चिंपाजी, गोरिल्ला और वनमानुषों को गर्मी बहुत लगती है और ये तनावग्रस्त हो जाते हैं। इन्हें ठंडा रखने के लिए एयर कूलर भी लगाए गए हैं। रात में कूलर चलाया जाता है।

मौसमी फल जरूरी

इन्हें फीट और चुस्त रखने के लिए आहार में बदलाव किया गया है। तरबूज, कस्तूरी खरबूजा जैसे मौसमी फल चिंपाजी और गोरिल्ला को ठंडा और ऊर्जावान रखते हैं। अंगूर, नारियल, सोयाबीन का दूध और खीरा भी उपलब्ध है।

काले भालुओं को फ्रोजन फल पसंद

चिंपांजी को भी रोजाना पांच से छह बार कच्चा नारियल दिया जा रहा है। हिमालयी काले भालुओं के लिए फ्रोजन फल की व्यवस्था की गई है। पशुपालक हाथियों को ठंडा रखने के लिए उन पर पानी छिड़कते हैं। पेड़ों की छांव और पर्याप्त पानी की उपलब्धता के कारण चिड़ियाघर परिसर के भीतर का तापमान शहर के अन्य हिस्सों की तुलना में एक से दो डिग्री कम है। चिड़ियाघर अपनी हरियाली और तालाबों की वजह से ज्यादा ठंडा है।

पानी की कोई कमी नहीं
जल प्रबंधन पर कुलकर्णी ने स्पष्ट किया कि चिड़ियाघर में पानी की कोई कमी नहीं है क्योंकि इसमें कई जल संसाधन हैं। टैंकों के अलावा करंजी झील से भी पानी खींचा जाता है। चिड़ियाघर परिसर के बगल में स्थित करंजी झील, चिड़ियाघर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। मानसून में इसके अतिप्रवाहित पानी को चिड़ियाघर के अंदर बने तालाबों की ओर मोड़ दिया जाता है।

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