प्रदेश में 1016 केंद्रों पर पंजीकृत 5,95,997 में से 5,68,975 यानी 95.46 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए। विभिन्न या व्यक्तिगत कारणों से 27022 विद्यार्थियों ने परीक्षा नहीं दी। कंटेनमेंट जोन के 223 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। बुखार, सर्दी व खांसी से पीडि़त परीक्षार्थियों सहित कंटेनमेंट जोन से परीक्षा देने पहुंचे परीक्षार्थियों ने अलग कमरे में परीक्षा दी। अंग्रेजी का पर्चा 23 मार्च को होना था। लेकिन कोरोना महामारी के कारण परीक्षा स्थगित करनी पड़ी थी।
प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार शहर के कुछ परीक्षा केंद्रों पर खुद पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों के लिए हर परीक्षार्थी की जांच व सामाजिक दूरी सहित अन्य नियमों का पालन सुनिश्चित करवा पाना आसान नहीं था। राज्य सडक़ परिवहन निगम ने महाराष्ट्र, गोवा व तमिलनाडु से लगे जिलों से आए परीक्षार्थियों को नि:शुल्क बस सेवाएं दीं।
एसएसएमआरवी कॉलेज की प्रिंसिपल वसंतलक्ष्मी बी. आर. ने बताया कि पर्चा लिखते समय भी परीक्षार्थियों को मास्क पहने रहने के निर्देश दिए गए थे। एक बेंच को दूसरे से तीन फीट की दूरी पर रखा गया था। कोरोना पॉजिटिव या पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई। ये विद्यार्थी पूरक परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। हालांकि ये पुराने विद्यार्थी नहीं बल्कि नए विद्यार्थी ही कहलाएंगे। पीयू परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद पूरक परीक्षा की तारीख घोषित होगी।
केरल के करीब 700 छात्रों ने दी परीक्षा
मेंगलूरु. मेंगलूरु में केरल के मूल निवासी करीब 700 विद्यार्थी द्वितीय पीयू परीक्षा में शामिल हुए। सभी गुरुवार सुबह कासरगोड जिले के तलपडी स्थित कर्नाटक-केरल सीमा पर पहुंचे।
दक्षिण कन्नड़ जिले में प्री-यूनिवर्सिटी बोर्ड के उप निदेशक मोहम्मद इम्तियाज ने बताया कि जिले में केरल के 1137 परीक्षार्थियों के लिए व्यवस्था की गई थी लेकिन करीब 700 परीक्षार्थी ही शामिल हुए। योजना के अनुसार कासरगोड जिला प्रशासन ने परीक्षार्थियों को तलपडी सहित अन्य सीमा तक सुरक्षित लाया। जांच के बाद सभी को अलग बस में परीक्षा केंद्र पहुंचाया गया और परीक्षा के बाद इसी प्रकार वापस छोड़ा गया।