शोले, सूर्य वंशम से तेरी मेहरबानियां तक
श्रीरंगपट्टण तहसील में कावेरी नदी के तट पर स्थित महादेवपुरा गांव का पुराना बंगला और एक मकान बॉलीवुड की १०० तथा ५० से अधिक कन्नड़ फिल्मों की यादें समेटे है। बॉलीवुड की शोले, सूर्य वंशम, मर्द, तूफान, जादूगर, गंगा-जमुना-सरस्वती, जैंटलमेन, दामिनी, खलनायक, तेरी मेहरबानियां, हिम्मत, प्रिंस सहित सौ से अधिक फिल्मों के दृश्य इन मकानों में तथा यहां के प्राकृतिक माहौल में फिल्माए गए थे। साठ के दशक में जब इन मकानों का निर्माण किया गया था, उस समय गांव में इक्का-दुक्का ही मकान थे। लेकिन गत करीब २० वर्ष में तेजी से बसावट में वृद्धि हुई है। इसी कारण फिल्म मेकरों का इस गांव की ओर रुझान कम हुआ है। ये दोनों मकान फिल्म मेकरों को शूटिंग के लिए काफी कम खर्च पर आसानी से मिल जाते थे। लेकिन अब गांव में परिवार बढऩे से भी मकान मालिक शूटिंग के लिए मकान किराए पर देने से कतराते हैं।
श्रीरंगपट्टण तहसील में कावेरी नदी के तट पर स्थित महादेवपुरा गांव का पुराना बंगला और एक मकान बॉलीवुड की १०० तथा ५० से अधिक कन्नड़ फिल्मों की यादें समेटे है। बॉलीवुड की शोले, सूर्य वंशम, मर्द, तूफान, जादूगर, गंगा-जमुना-सरस्वती, जैंटलमेन, दामिनी, खलनायक, तेरी मेहरबानियां, हिम्मत, प्रिंस सहित सौ से अधिक फिल्मों के दृश्य इन मकानों में तथा यहां के प्राकृतिक माहौल में फिल्माए गए थे। साठ के दशक में जब इन मकानों का निर्माण किया गया था, उस समय गांव में इक्का-दुक्का ही मकान थे। लेकिन गत करीब २० वर्ष में तेजी से बसावट में वृद्धि हुई है। इसी कारण फिल्म मेकरों का इस गांव की ओर रुझान कम हुआ है। ये दोनों मकान फिल्म मेकरों को शूटिंग के लिए काफी कम खर्च पर आसानी से मिल जाते थे। लेकिन अब गांव में परिवार बढऩे से भी मकान मालिक शूटिंग के लिए मकान किराए पर देने से कतराते हैं।
पुराने घर में हुई शूटिंग
महादेवपुरा गांव के बीच में 1968 बने मकान के मालिक एमके जवने गौड़ा और उनके परिजन ने बताया कि उनके घर में हिन्दी, कन्नड़ और तमिल फिल्मों की शूटिंग हुई है। उनका मकान पुराने डिजाइन का है। लकड़ी का फर्नीचर, घर के अंदर जगह-जगह पर लकड़ी के पिलर और छत है। मकान बहुत बड़ा होने कारण पुरानी फिल्मों की शूटिंग के लिए बेहतर माना जाता था। उन्होंने कहा कि अब नए जमाने की नई फिल्म में आए बदलाव के कारण अभी उनके घर में शूटिंग नही होती है।
महादेवपुरा गांव के बीच में 1968 बने मकान के मालिक एमके जवने गौड़ा और उनके परिजन ने बताया कि उनके घर में हिन्दी, कन्नड़ और तमिल फिल्मों की शूटिंग हुई है। उनका मकान पुराने डिजाइन का है। लकड़ी का फर्नीचर, घर के अंदर जगह-जगह पर लकड़ी के पिलर और छत है। मकान बहुत बड़ा होने कारण पुरानी फिल्मों की शूटिंग के लिए बेहतर माना जाता था। उन्होंने कहा कि अब नए जमाने की नई फिल्म में आए बदलाव के कारण अभी उनके घर में शूटिंग नही होती है।
मेले जैसा माहौल
महादेवपुरा गांव के एमएस मरिगौड़ा ने कहा कि पुरानी कन्नड़ फिल्मों की शूटिंग के लिए फिल्म अभिनेता डॉ. राजकुमार, विष्णु वर्धन, अंबरीश, रवि चंद्रन, शिवराज कुमार, राघवेंद्रा राजकुमार, अनंत नाग गांव में आए हैं। उन्होंने कहा कि गांव में फिल्म शूटिंग होने पर शूटिंग व फिल्म अभिनेता को देखने लिए मेले जैसा माहौल बन जाता था।
महादेवपुरा गांव के एमएस मरिगौड़ा ने कहा कि पुरानी कन्नड़ फिल्मों की शूटिंग के लिए फिल्म अभिनेता डॉ. राजकुमार, विष्णु वर्धन, अंबरीश, रवि चंद्रन, शिवराज कुमार, राघवेंद्रा राजकुमार, अनंत नाग गांव में आए हैं। उन्होंने कहा कि गांव में फिल्म शूटिंग होने पर शूटिंग व फिल्म अभिनेता को देखने लिए मेले जैसा माहौल बन जाता था।
बंगले के बाहर का दृश्य फिल्माया
कावेरी नदी के तट पर बने बंगले के मालिक श्रीनिवास ने कहा कि कन्नड़, हिन्दी व तमिल फिल्मों में उनके बंगले के बाहर के दृश्यों को सौ से अधिक फिल्मों में दिखाया गया है। बंगले के भीतरी दृश्य की जरूरत पडऩे पर पास ही एमके जवने गौड़ा के बंगले में सेट लगाया जाता था।
कावेरी नदी के तट पर बने बंगले के मालिक श्रीनिवास ने कहा कि कन्नड़, हिन्दी व तमिल फिल्मों में उनके बंगले के बाहर के दृश्यों को सौ से अधिक फिल्मों में दिखाया गया है। बंगले के भीतरी दृश्य की जरूरत पडऩे पर पास ही एमके जवने गौड़ा के बंगले में सेट लगाया जाता था।
इन कन्नड़ फिल्मों की हुई शूटिंग मने मच्चिदा हुडुगी, नंजुंडी कल्याणा, रवडी एमएलए, गणपति गरवाभंगा, जनुम दा जोड़ी, कर्पूरा दा गोम्बे, रामाचारी, चीन्नारी मुत्ता, तवरीना तेरु, कामना बिल्लू, बेत्तले सेवे, अन्ना-तम्मा, मंड्या द गंडु, हल्ली मास्टर, यजमाना सहित तमिल में धर्म धोराई, राज दी राजा सहित अनेक भाषायी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।