कुछ कार्यकर्ताओं ने एक बार से शराब की खरीदी और उसे मंत्री के पते पर विधानसौधा भेजा। उन्होंने कहा कि नागेश मंत्री पद के लिए आयोग्य हैं। उन्हें शीघ्र इस्तीफा देना होगा। विभिन्न महिला संगठन प्रदेश को शराब से मुक्त करने के लिए कई सालों से आंदोलन कर रहे हैं। फिर भी उन्हेंं सफलता नहीं मिल रही है।
आज हर गली में एक से दो शराब की दुकानें खुल रही हैं। केवल नाम के लिए आबकारी नियम बनाए गए हैं। स्कूल और धार्मिक स्थलों से कुछ ही मीटर की दूरी पर शराब की दुकानें, बार एंड रेस्टोरेंट तथा पब दिखाई देते हैं। आज तक अवैध शराब की दुकानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बयान से पलटे मंंत्री नागेश
बेंगलूरु. घर पर शराब की आपूर्ति का बयान देकर फंसे एच. नागेश अपने बयान से पलट गए हैं। नागेश ने मुख्यमंत्री से चर्चा किए बगैर अपने बयान को सरकार का निर्णय बताकर एक दिन पूर्व ही घोषणा की थी। इस घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने नागेश को अपने निवास पर बुलाकर समझाया।
इसके बाद नागेश विकाससौधा पहुंचे और संवाददाता सम्मेलन बुलाकर स्पष्टीकरण दिया। नागेश ने कहा कि घर पर शराब की आपूर्ति करने का कोई प्रस्ताव सरकार के समक्ष नहीं है। उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। यदि उनके बयान से महिलाओं को पीड़ा पहुंची है तो वे क्षमा मांगते हैं।
उन्होंने कहा कि गुजरात की तरह ऑनलाइन शराब की बिक्री करने का उन्होंने कोई बयान नहीं दिया है।