दिसंबर में हिंसा के बाद हुई थी बंद बता दें कि दिसंबर में कथित रूप से सही समय पर वेतन नहीं देने सहित की कारणों से कुछ लोगों ने कम्पनी परिसर में हिंसा की थी। कंपनी को 450 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ था। इस घटना के बाद कंपनी को ताला लगाया गया था। कंपनी ने 74 दिन बाद उत्पादन फिर से शुरू कर दिया है।
छह हजार श्रमिकों की नियुक्ति यहां तीन पाली में काम होगा। कंपनी ने कर्मचारियों की नियुक्ति की जिम्मेदारी छह निजी एजेंसियों को सौंपी है। सभी श्रमिकों को पुलिस विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य बनाया गया है। कोलार जिले समेत अन्य जिलों के कुल छह हजार श्रमिकों को नियुक्त किया गया है। कंपनी 43 एकड़ में फैली है। कर्मचारियों को काम पर लाने और घर तक छोडऩे के लिए निजी सुरक्षा कर्मचारियोंं को नियुक्त किया है।
वेतन भी बढ़ा कंपनी प्रशासन ने भी काम का समय आठ घंटे तय किया है। हर सप्ताह छुट्टी देने के अलावा वेतन में भी वृद्धि की है। ठेके पर कार्यरत श्रमिकों और स्थाई श्रमिकों के लिए अलग कैंटीन की व्यवस्था की गई है। कंपनी के परिसर में और अंदर हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।