अधिकारियों ने जून 2021 में बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) अनुबंध की समाप्ति के बाद परियोजना को शुरू करने की योजना बनाई थी।
कर्नाटक के साथ-साथ देश के उत्तरी हिस्सों का प्रवेश द्वार होने के कारण सडक़ पर भारी यातायात दिखाई देता है। एनएचएआई ने 2021 के मध्य में निविदा आमंत्रित की थी। लेकिन कंपनी द्वारा टोल वसूली में महामारी के दौरान कम राजस्व का हवाला देते हुए काम में देरी हुई।
परियोजना के लिए निविदा में तुमकुरु के लिए एक बाईपास का निर्माण करने के अलावा चार लेन की सडक़ को छह लेन के कैरिजवे में अपग्रेड करना शामिल है। एनएचएआई के अधिकारियों ने अनुमानित लागत 1,152 करोड़ रुपए और कार्यों को पूरा करने के लिए तीन साल की समय सीमा तय की थी।
कर्नाटक के साथ-साथ देश के उत्तरी हिस्सों का प्रवेश द्वार होने के कारण सडक़ पर भारी यातायात दिखाई देता है। एनएचएआई ने 2021 के मध्य में निविदा आमंत्रित की थी। लेकिन कंपनी द्वारा टोल वसूली में महामारी के दौरान कम राजस्व का हवाला देते हुए काम में देरी हुई।
परियोजना के लिए निविदा में तुमकुरु के लिए एक बाईपास का निर्माण करने के अलावा चार लेन की सडक़ को छह लेन के कैरिजवे में अपग्रेड करना शामिल है। एनएचएआई के अधिकारियों ने अनुमानित लागत 1,152 करोड़ रुपए और कार्यों को पूरा करने के लिए तीन साल की समय सीमा तय की थी।
अधिकारियों ने कहा कि एचजी इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड ने इस साल जनवरी में सबसे कम 844 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। एक अधिकारी ने बताया कि हमने हाल ही में स्वीकृति पत्र प्रदान किया है। अगले महीने सिविल कार्य शुरू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिसके बाद काम शुरू हो जाएगा। वहीं, परियोजना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि परियोजना पर सिविल कार्य मानसून के मौसम के बाद शुरू होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बारिश से निर्माण गतिविधि बाधित न हो।
सूत्र ने कहा कि हम पहले चरण में तुमकुरु बाइपास बनाने का काम शुरू करेंगे। सितंबर से हाइवे को चौड़ा करने का काम शुरू हो जाएगा। नवंबर में पूरे जोरों पर काम शुरू हो जाएगा।