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परिवार की तरह मिलकर काम करें: कुमारस्वामी

locationबैंगलोरPublished: Jun 15, 2018 01:22:19 am

Submitted by:

Rajendra Vyas

जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों को मुख्यमंत्री की सलाह

meeting

परिवार की तरह मिलकर काम करें: कुमारस्वामी

प्रबुद्ध जनों से मशविरा भी करेगी सरकार
बेंगलूरु. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि जनता की आकाक्षांओं को पूरा करने के लिए जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियो को परिवार की तरह काम करना चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकार ने समाज के प्रबुद्ध वर्ग से सलाह-मशविरा करने की योजना भी बनाई है।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को यहां उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर व अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों सहित उच्च अधिकारियों के साथ बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का मकसद जन मित्रवत बनना है और हमारे लक्ष्यों व मकसदों को हासिल करने के लिए परिवार की तरह साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। जद-एस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार के सत्ता में आने के बाद बुलाई गई इस पहली बैठक में दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता के कारण राज्य में प्राकृतिक आपदा के हालात, कृषि, पेयजल की आपूर्ति, बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान सहित अन्य मसलों पर चर्चा की गई।
नारायण मूर्ति को पद नहीं, लेकिन सलाह करेंगे
कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी सरकार अच्छा प्रशासन देने के लिए समाज के प्रबुद्ध वर्ग से निरंतर संवाद करेगी और अच्छे काम में उनकी सलाहों पर अमल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति से भी सलाह-मशविरा करेंगे और उनके सुझावों पर अमल भी करेंगे। अलबत्ता, कुमारस्वामी ने स्पष्ट किया कि मूर्ति को सरकार में कोई पद देने की योजना नहीं है। मीडिया के कुछ हिस्सों में आ रही ऐसी खबरों को उन्होंने खारिज करते हुए कहा कि मूर्ति को कोई सरकारी पद देने का प्रस्ताव नहीं है। कुमारस्वामी ने शपथ लेने के बाद खुद मूर्ति के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी। उन्होंने तभी मूर्ति से यह अनुरोध भी किया था कि वे सरकार को अपने सुझाव दें। मूर्ति ने उन्हें दो माह में एक ब्लू प्रिंट देने का आश्वासन दिया था, लेकिन साथ ही अपनी बढ़ती आयु के मद्देनजर खुद ही कोई पद लेने से इंकार भी कर दिया था।
कार्पोरेट कंपनी की तरह काम करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले क्या हुआ उसे भूल जाएं और लोगों की समस्याएं हल करने के बारे में सोचें। हमें कार्पोरेट कंपनियों की तरह काम करना होगा और सभी क्षेत्रों से सहयोग लेकर सेवा प्रदान करनी होंगी। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं व कल्याणकारी कार्यक्रमों का लाभ तभी जरूरतमंद लोगों तक पहुंचेगा, जब संबंधित अधिकारी यह काम खुद करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश भर से लोग अर्जियां लेकर राजधानी आते हैं। इसका कारण निचले स्तर के अधिकारियों का ठीक से काम नहीं करना है। उन्होंने विभागीय प्रमुखों से जिला व तालुक स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था चरमराने के लिए निचले स्तर के अधिकारी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में छोटी मोटी समस्याएं आईं तो जिले के संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री कृष्णा बैरेगौड़ा, मुख्यमंत्री के वित्तीय सलाहकार डॉ. एस. सुब्रमण्या, मुख्य सचिव के. रत्नप्रभा, अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.एम. विजयभास्कर, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएसएन प्रसाद, एम. लक्ष्मीनारायण सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।
युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा मिले: जी परमेश्वर
उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध करवाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने गुरुवार को यहां मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की अध्यक्षता में बुलाई गई उच्च अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कई युवा परिश्रम करके इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बावजूद बेरोजगार होते हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के अनुरूप हर स्तर पर पाठ्यक्रमों में बदलाव किया जाना चाहिए, क्योंकि बाबा आदम के जमाने के पाठ्यक्रम को अपनाए रखने पर दिनोंदिन बेरोजगारी की समस्या बढ़ती ही जाएगी।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि राज्य में सूचना तकनीक कंपनियों तथा उद्योग, धंधों की भरमार के वाबजूद कंपनियां बाहरी राज्यों के रहने वालों को रोजगार देती हैं। इसका कारण क्या है? हर साल लाखों विद्यार्थियों के डिग्रियां हासिल करने के बावजूद उनमें से केवल 5 फीसदी को भी रोजगार नहीं मिल पाता है। हम सभी सरकारी स्कूलों में ही पढ़े हैं, लेकिन आज सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी ही नहीं आ रहे हैं। अधिकतर डिग्री कॉलेज विद्यार्थियों के अभाव का सामना कर रहे हैं। इसके कारणों की तह में जाना होगा। निजी अस्पतालों की तर्ज पर सरकारी अस्पतालों में सुधार लाने
आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि उच्च प्राथमिकता
कुमारस्वामी ने आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य व कृषि को उच्च प्राथमिकता वाले विभाग बताते हुए कहा कि अधिकारी यह बात ध्यान रख कर काम करें। उन्होंने आवसहीनों का अगले दो माह में सर्वे कराने और आश्रय योजना के आवास बनाने के लिए सरकारी जमीन की पहचान करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन पर अधिक बल देना होगा। जिला स्तर पर जिलाधिकारी, सीईओ, एसपी, जिला रोजगार अधिकारी, जिला विकलांग अधिकारी की समन्वय समितियों का गठन किया जाए। समिति स्थानीय स्तर के कारखानों, औद्योगिक इकाइयों में उपलब्ध रोजगार की जानकारी एकत्रित कर 15 दिन में एक बार पंजीकरण की व्यवस्था लागू करे। उन्होंने आरटीई कानून के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश की खामियों को दूर करने और आरटीई के अनुदान के साथ ही अभिभावकों से डोनेशन वसूलने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
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