युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा मिले: जी परमेश्वर
उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध करवाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने गुरुवार को यहां मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की अध्यक्षता में बुलाई गई उच्च अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कई युवा परिश्रम करके इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बावजूद बेरोजगार होते हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के अनुरूप हर स्तर पर पाठ्यक्रमों में बदलाव किया जाना चाहिए, क्योंकि बाबा आदम के जमाने के पाठ्यक्रम को अपनाए रखने पर दिनोंदिन बेरोजगारी की समस्या बढ़ती ही जाएगी।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि राज्य में सूचना तकनीक कंपनियों तथा उद्योग, धंधों की भरमार के वाबजूद कंपनियां बाहरी राज्यों के रहने वालों को रोजगार देती हैं। इसका कारण क्या है? हर साल लाखों विद्यार्थियों के डिग्रियां हासिल करने के बावजूद उनमें से केवल 5 फीसदी को भी रोजगार नहीं मिल पाता है। हम सभी सरकारी स्कूलों में ही पढ़े हैं, लेकिन आज सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी ही नहीं आ रहे हैं। अधिकतर डिग्री कॉलेज विद्यार्थियों के अभाव का सामना कर रहे हैं। इसके कारणों की तह में जाना होगा। निजी अस्पतालों की तर्ज पर सरकारी अस्पतालों में सुधार लाने
आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि उच्च प्राथमिकता
कुमारस्वामी ने आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य व कृषि को उच्च प्राथमिकता वाले विभाग बताते हुए कहा कि अधिकारी यह बात ध्यान रख कर काम करें। उन्होंने आवसहीनों का अगले दो माह में सर्वे कराने और आश्रय योजना के आवास बनाने के लिए सरकारी जमीन की पहचान करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन पर अधिक बल देना होगा। जिला स्तर पर जिलाधिकारी, सीईओ, एसपी, जिला रोजगार अधिकारी, जिला विकलांग अधिकारी की समन्वय समितियों का गठन किया जाए। समिति स्थानीय स्तर के कारखानों, औद्योगिक इकाइयों में उपलब्ध रोजगार की जानकारी एकत्रित कर 15 दिन में एक बार पंजीकरण की व्यवस्था लागू करे। उन्होंने आरटीई कानून के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश की खामियों को दूर करने और आरटीई के अनुदान के साथ ही अभिभावकों से डोनेशन वसूलने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध करवाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने गुरुवार को यहां मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की अध्यक्षता में बुलाई गई उच्च अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कई युवा परिश्रम करके इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बावजूद बेरोजगार होते हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के अनुरूप हर स्तर पर पाठ्यक्रमों में बदलाव किया जाना चाहिए, क्योंकि बाबा आदम के जमाने के पाठ्यक्रम को अपनाए रखने पर दिनोंदिन बेरोजगारी की समस्या बढ़ती ही जाएगी।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि राज्य में सूचना तकनीक कंपनियों तथा उद्योग, धंधों की भरमार के वाबजूद कंपनियां बाहरी राज्यों के रहने वालों को रोजगार देती हैं। इसका कारण क्या है? हर साल लाखों विद्यार्थियों के डिग्रियां हासिल करने के बावजूद उनमें से केवल 5 फीसदी को भी रोजगार नहीं मिल पाता है। हम सभी सरकारी स्कूलों में ही पढ़े हैं, लेकिन आज सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी ही नहीं आ रहे हैं। अधिकतर डिग्री कॉलेज विद्यार्थियों के अभाव का सामना कर रहे हैं। इसके कारणों की तह में जाना होगा। निजी अस्पतालों की तर्ज पर सरकारी अस्पतालों में सुधार लाने
आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि उच्च प्राथमिकता
कुमारस्वामी ने आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य व कृषि को उच्च प्राथमिकता वाले विभाग बताते हुए कहा कि अधिकारी यह बात ध्यान रख कर काम करें। उन्होंने आवसहीनों का अगले दो माह में सर्वे कराने और आश्रय योजना के आवास बनाने के लिए सरकारी जमीन की पहचान करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन पर अधिक बल देना होगा। जिला स्तर पर जिलाधिकारी, सीईओ, एसपी, जिला रोजगार अधिकारी, जिला विकलांग अधिकारी की समन्वय समितियों का गठन किया जाए। समिति स्थानीय स्तर के कारखानों, औद्योगिक इकाइयों में उपलब्ध रोजगार की जानकारी एकत्रित कर 15 दिन में एक बार पंजीकरण की व्यवस्था लागू करे। उन्होंने आरटीई कानून के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश की खामियों को दूर करने और आरटीई के अनुदान के साथ ही अभिभावकों से डोनेशन वसूलने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।