बेंगलूरु. आईटी पेशेवरों के गढ कहे जाने वाले शहर के उपनगगरीय इलाके के लोगों की खस्ताहाल बुनियादी सेवाओं को लेकर हमेशा सरकार और प्रशासन से शिकायत रही है।
कुछ समय पहले यहां आईटी पेशेवरों ने इसे लेकर प्रदर्शन भी किया था। प्रदर्शन के बाद सरकार ने यहां कई विकास कार्यों की घोषणा की थी लेकिन विकास परियोजनाओं को लेकर प्रशासनिक लेटलतीफी से आजिज व्हाइट फील्ड क्षेत्र के लोगों ने तल्खी दिखानी शुरू कर दी है। नागरिक समूह व्हाइट फील्ड राइजिंग ने बकायदा विकास परियोजनाओं को लेकर अपने स्तर पर पड़ताल शुरू की है।
जिसमें पता चला है कि यहां के लिए जिन 33 परियोजनाओं की घोषणा हुई है, उनमें से महज 11 में कुछ हद तक कामकाज हुआ है या प्रगति पर है। यहां के लोग अब बेंगलूरु विकास मंत्री के.जे. जार्ज को भी आड़े हाथों ले रहे हैं, जिन्होंने समयसीमा में कार्य पूर्ति का वादा किया था।
26 मई को व्हाइट फील्ड राइजिंग के साथ जार्ज और सरकारी अधिकारियों की बैठक हुई थी, जिसमें सभी 33 परियोजनाओं को लेकर समयसीमा निर्धारित हुई थी। इनमें सड़क सुधार, झील विकास, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सार्वजनिक परिवहन से जुड़े कार्य शामिल हैं।
मंत्री ने तब बेंगलूरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) की प्रबंध निदेशक एकरूप कौर को निर्देशित किया था कि इस क्षेत्र के अंदरूनी हिस्सों तक बसों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 30 जून तक 500 मिनी बसें खरीदी जाएं। बेंगलूरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) आयुक्त राकेश सिंह ने वर्तूर झील के विकास की खातिर 2 जून तक किसी व्यक्ति या संस्था को निवेश करने को राजी करने का वादा किया था। बेंगलूरु पूर्व के तहसीलदार तेजस ने 27 जून से नारायणपुर सड़क के आसपास से अतिक्रमण हटाने का दावा किया था।
नागरिक समूह के एक स्वयंसेवी ने बताया कि क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सरकारी प्राधिकरण हमारे साथ परियोजनाओं की यथास्थिति पर काम करने के मामले में उत्साहित नहीं दिखे। अब ‘स्टेटस ट्रैकरÓ से कार्यों की समय-सीमा और प्रगति की निगरानी की जाएगी। इसके जरिए नागरिक कार्यों के संदर्भ में आंकड़े भी जुटाए जा सकेंगे। इन आंकड़ों को लोगों और सरकार के सामने रखा जाएगा। हमारी योजना है कि एक मोबाइल एप बनाया जाएगा। स्टेटस ट्रैकर परियोजनाओं से संबंधित डेटा अपलोड करेंगे, जिसके जरिए स्वत: ही रिपोर्ट तैयार होगी, जिसे अधिकारियों के साथ साझा किया जाएगा।
बीबीएमपी के विशेष आयुक्त (परियोजनाएं) बीएम विजय शंकर कहते हैं कि यहां की 11 परियोजनाएं हैं, जिनमें से 6 अधूरी हैं। बहरहाल में पूरे शहर के लिए विशेष आयुक्त हूं। फिर भी व्हाइट फील्ड के मसलों पर युद्धस्तर पर ध्यान दिया जा रहा है। हमारे अधिकारियों के लिए और भी मुद्दे हैं, जिनको लेकर उन पर दबाव होता है। मैं यहां बोरवेल मार्ग, नल्लुरहल्ली और तुबराहल्ली के कार्यों को अपने स्तर पर देख रहा हूं। आप देखेंगे कि अगले कुछ सप्ताह में धरातल पर बहुत से कार्य होंगे।