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कोरोना संघर्ष के बीच सत्ता का एक साल पूरा करेंगे येडियूरप्पा

locationबैंगलोरPublished: Jul 23, 2020 02:41:43 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

विभिन्न क्षेत्रों के 20 विशेषज्ञ करेंगे कार्यकाल का आकलनतीन प्रमुख दौर से होकर गुजरा एक साल

कोरोना संघर्ष के बीच सत्ता का एक साल पूरा करेंगे येडियूरप्पा

कोरोना संघर्ष के बीच सत्ता का एक साल पूरा करेंगे येडियूरप्पा

बेंगलूरु.
भारी राजनीतिक उठा-पटक के बाद प्रदेश की सत्ता संभालने वाली भाजपा सरकार 26 जुलाई को एक साल पूरे कर लेगी। मुश्किल समय में पद संभालने वाले मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा जब सत्ता के एक साल पूरा कर रहे हैं तो राज्य कठिन दौर से गुजर रहा है। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या राज्य में 50 हजार पार कर गई है और बेंगलूरु सहित कई जिलों में लॉकडाउन है।
हालांकि, पार्टी ने अभी सरकार के एक साल पूरा होने पर समारोह मनाने का निर्णय नहीं किया है लेकिन, सूत्रों का कहना है कि साधारण स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। चूंकि, 26 जुलाई रविवार है और लॉकडाउन रहेगा इसलिए कार्यक्रम 27 जुलाई को आयोजित हो सकते हैं। कोरोना वायरस की चौतरफा चर्चा के बीच वर्चुअल प्लेटफार्म पर संभवत: मुख्यमंत्री येडियूरप्पा पिछले एक साल के दौरान चलाए गए कार्यक्रमों और उपलब्धियों का उल्लेख करेंगे।
अमूमन एक साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री अपनी सरकार की उपलब्धियों पर पुस्तिका का विमोचन करते रहे हैं लेकिन, इस बार सीएम ऐसी पुस्तिका का विमोचन कर सकते हैं जो 20 विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा लिखित है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पीएम महादेव प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्रियों द्वारा पुस्तिका जारी करने की पुरानी और सामान्य परंपरा रही है। इसे राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा तैयार किया जाता है जिसमें सरकार अपना पीठ स्वंय थपथपाती है। यह पहला अवसर है जब विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों को पुस्तिका में अपना अवलोकन लिखने को कहा गया है। इसमें सरकार की कुछ कमियां भी उजागर होंगी।
जिन विशेषज्ञों ने इसमें योगदान दिया है उसमें श्रींगेरी मठ के प्रमुख शिवमूर्ति शिवचार्य स्वामी भी हैं जिन्होंने ऑनलाइन मार्केटिंग की सफलता के बारे में लिखा है। यह कार्यक्रम वर्ष 2016 में शुरू हुआ था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी तारीफ की है। उनके अलावा भालकी मठ प्रमुख बसवराज ने कल्याण कर्नाटक के विकास पर अपना विचार प्रकट किया है। पर्यावरणविद एएन येल्लप्पा रेड्डी, जी.करजगी, निरंजन आराध्य आदि भी इसपर अपने विचार लिख रहे हैं। जयदेवा इंस्टीट्यूट के डॉ सीएन मंजुनाथ, के.जयराज, गोविंद नारायण, अशोक नाथ बनर्जी और पी.वेंकटसुबय्या आदि ने भी लिखा है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि येडियूरप्पा का एक साल तीन चरणों में विभाजित है। पहला बाढ़ का सामना और अकेले उससे निपटना क्योंकि तब कैबिनेट का गठन नहीं हुआ था। उसके बाद उपचुनाव और पार्टी के भीतर उपजे असंतोष से निपटना। जबकि, आखिरी पांच महीने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए गुजरी है।
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