विपक्षी सदस्यों को भरोसा दिलाया कि यदि उनके किसी निर्णय से प्रदेश की जनता के हितों को नुकसान पहुंचता है तो फोन करके सूचित कर सकते हैं। वे सुधार के भरसक प्रयास करेंगे। येडियूरप्पा ने कहा कि सिद्धरामय्या व कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री के पद पर रहते बदले की राजनीति नहीं की और वे भी द्वेष की राजनीति नहीं करेंगे। विपक्षी दल होने के नाते सरकार पर टीका टिप्पणी करना स्वाभाविक है।
अगले तीन चार माह में उनकी सरकार विकास का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ेगी। फिलहाल प्रशासनिक ढांचा चरमरा गया है लिहाजा प्रशासन को पुन: पटरी पर लाने को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य के 82 तालुकों में बारिश की कमी के कारण भीषण सूखे के हालात उत्पन्न हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को 3 किस्तों में 6 हजार रुपए देने की योजना शुरू की है और भाजपा सरकार ने भी किसानों को राज्य की तरफ से 2 किस्तों में 4000 रुपए की अतिरिक्त सहायता देने का निर्णय किया है।
इसी तरह बुनकरों का 100 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने का भी निर्णय किया गया है। विश्वास मत प्रस्ताव पर चली बहस में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरामय्या व जद-एस विदायक दल के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने भाग लिया।
हालांकि कांग्रेस के एचके पाटिल, जद-एस के ए.टी. रामास्वामी सहित कुछ सदस्यों ने प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति मांगी लेकिन स्पीकर ने कहा कि उन्हें हैदराबाद जाना है इसलिए चर्चा जल्द खत्म करें। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव को ध्वनिमत के लिए रखा और पारित करने की घोषणा कर दी। इस दौरान सदन में भाजपा के सभी 105 विधायकों के अलावा कांग्रेस व जद-एस के अधिसंख्या सदस्य मौजूद थे।