उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नाम से लोकसभा चुनाव जीतना आसान है, लेकिन विधानसभा चुनाव नहीं। विधानसभा उपचुनाव में अगर पार्टी हार जाती है तो गलत संदेश जाएगा। उपचुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं है। कार्यकर्ताओं को यह धारणा नहीं बनानी चाहिए कि मोदी लहर उसे चुनाव जीतने में मदद करेगी। दोनों विधानसभा सीटें जीतने और कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा अगला लोकसभा चुनाव जीतेगी और नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। इसमें दो राय नहीं है। नंजनगुड में मंदिर ढहाए जाने पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो सरकार सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर करेगी। सुप्रीम कोर्ट को यह बताने की कोशिश की जाएगी यह आदेश उचित नहीं है। इसलिए कार्यकर्ता निराश ना हों। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सरकार उचित कदम उठाएगी।
उन्होंने कहा कि अगला साल चुनावों का साल होगा। जिला पंचायत, तालुक पंचायत और 25 सीटों के लिए विधान परिषद के चुनाव होने हैं। इसलिए पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करना होगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग मोर्चा को मजबूत करने के लिए समुदाय के नेताओं को जोड़ा जाएगा। वे अगले विधानसभा चुनाव में 140 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर एक महीने तक राज्य का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि ‘पीएम मोदी के कार्यक्रमों को राज्य के हर घर तक ले जाना होगा। हमें दूसरी पार्टियों पर निर्भर हुए बिना 140 से अधिक सीटें जीतनी होंगी। लेकिन, क्या येडियूरप्पा अकेले राज्य का दौरा करेंगे? नहीं। हमारे साथ पार्टी के विधायक, पार्षद और पदाधिकारी भी होंगे।Ó
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा ‘वाजपेयी ने बेंगलूरु में कहा था कि उनकी सरकार ने अच्छा काम किया लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं को इस बात से अवगत नहीं कराया। इसलिए, पार्टी को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। पिछले अनुभव को ध्यान में रखते हुए कार्यकर्ताओं को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लागू की गई जन-हितैषी योजनाओं के बारे में मतदाताओं को बताना चाहिए।’ मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, केंद्रीय मंत्री ए.नारायणस्वामी, शोभा करंदलाजे, भगवंत खुबा, सांसद जी सिद्धेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर, डीवी सदानंद गौड़ा आदि उपस्थित थे।