मुख्यमंत्री ने सोमवार को यहां कोविड – 19 के मसले पर मंत्रियों व अधिकारियों की बैठक में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आवश्यक सेवाओं को छोडक़र शेंंष तमाम सेवाओं को बंद करने , सरकारी कार्यालयों में अवकाश घोषित करने व सभी निजी उद्योगों को भी बंद करने की पहल की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए वे प्रदेश की जनता से सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले तमाम दिशा निर्देशों का अक्षरश: पालन करने की जनता से अपील करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रविवार को घोषित जनता कफ्र्यू की तर्ज पर लोगों का आवागमन रोकने के लिए 31 मार्च तक समूचे राज्य में लाक डाऊन गोषित करने पर गंभीरता से विचार चल रहा है।
उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं में शामिल पुलिस, दवाईयां , अस्पताल, बिजली,पेयजल , अग्निशमन आदि को छोडक़र शेष तमाम सेवाओं को स्थगित किया जाएगा। इसके अलावा दूध, फल, सब्जी, घरेलू सामान व आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए समय तय करके लोगों के आवागमन पर रोक लगाई जाएगी। खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग से दो माह के लिए आवश्यक खाद्यान्न की आपूर्ति करने के आदेश दिए गए हैं। इसी तरह केएसआरटीसी, बीएमटीसी तथा निजी बसों की सेवाओं पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस वायरस के संक्रमण को ग्रामीण क्षेेत्रों मे फैलने से रोकने के लिए लोगों को गांवों में नहीं जाने देने के लिए पुलिस से सख्त कदम उठाने को कहा गया है। इसी तरह लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा क दृष्ठिगत रखते हुए लोगों से इस माह के अंत तक देवस्थानों, चर्चों व मस्जिदों में जाकर नमाज नहीं पढऩे की अपील की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दैनिक मजदूरी पर अवलम्बित गरीबों के लिए इंदिरा कैंटीनों में पूरे दिन नाश्ता व बोजन की निशुल्क व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह बेंगलूरु करगा सहित तमाम धार्मिक, सामाजिक आयोजनों, सभाओं व मेलों के आयोजनों पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाया जाएगा। लोगों को घरों पर ही बैठकर भगवान का ध््यान व पूजा करनी चाहिए, उनको देवस्थानों में जाकर दर्शन पूजा पाठ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इतना ही नहीं, लोगों को अनावश्यक तौर पर घरों से बाहर निकलने से रोकने की पूरी जिम्मेदारी पुलिस को दी गई है। उन्होंने कहा कि होम क्वांरटाईन में रह रहे कोरोना संदिग्धों के घरों पर पहले से नोटिस चिपकाए जा चुके हैं और उनके साथ संपर्क नहीं करने की लोगों की हिदायतें दी गई हैं। उन्होने कहा कि बेंगलूरु शहर में कोरोना संदिग्धों की जांच के लिए फीवर क्लिनिक की स्थापना की जाएगी और इन क्लिनिकों के लिए निजी अस्पतालों के चिकित्सकों की सेवाएं प्राप्त की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 1000 वेंटीलेटर खरीदने का निर्णय किया है और निजी अस्पतालों ने 100 वेंटीलेटर तत्काल उपलब्ध करवाने का भरोसा दिलाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को एकत्रित होने से रोकने सभा या बैठकें करने से रोकने के लिए मंगलवार से ही सारे राज्य में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी जाएगी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विधानमंडल के चालू अधिवेशन को फिळहाल रद्द नहीं किया जाएगा और बजट पारित हो जाने के बाद 27 मार्च के बाद सत्रावसान करने के संबंध में निर्णय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले दस दिनों में विदेश से आए लोगों में वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के कारण सरकार की चिंताएं बढ़ गई है और इसे और अधिक फैलने से रोकने के लिए लोगों के घरों सो बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। विदेश से आए लोग कहा कहां पर घूमने गए और उन्होंने किन किन लोगों के साथ संपर्क किया यदि इन सभी को संक्रमण होता है तो करीब 80 हजार लोगों के संक्रमित हो जाने की आशंका है। इसी के मद्देनजर बेंगलूरु शहर व बाहरी इलाकों में संक्रमितों व उनके संपर्क में आए लोगों को रखने के लिए अस्पतालों में 20 हजार बिस्तर आरक्षित करने का निर्णय किया गया है। इसके लिए अनेक निजी अस्पतालों के अलावा होटलों व रिजोर्ट्स को सरकार ने अवाप्त करने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा कि सोमवार की आधी रात के बाद आवश्यक सेवाओं को छोडक़र अन्य तमाम सेवाएं उपलब्ध नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बेंगलूरु सहित 9 जिलों में लाक डाऊन लागू करने के बाद भी लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है पर सरकार इसे गंभीरता से ले रही है। निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस के संक्रमितों के इलाज का सारा खर्च सरकार वहन करेगी।