बैंगलोर

‘आप तो सदस्य हैं ही नहीं, इस्तीफा मंजूर नहीं करूंगा’

परमेश्वर से मजाकिया लहजे में बोले विधान परिषद के सभापति

बैंगलोरMay 25, 2018 / 05:47 pm

Ram Naresh Gautam

‘आप तो सदस्य हैं ही नहीं, इस्तीफा मंजूर नहीं करूंगा’

बेंगलूरु. उपमुख्यमंत्री डॉ जी परमेश्वर गुरुवार को जब विधान परिषद की सदस्यता से त्यागपत्र देने सभापति डीएच शंकरमूर्ति के कक्ष में पहुंचे तब सभापति ने उनको नियमों का हवाला देते हुए कहा कि यह जरूरी नहीं है। उन्होंने बताया कि जिस वक्त चुनाव आयोग ने विधानसभा का सदस्य होने की अधिसूचना जारी की उसी समय आपकी विप की सदस्यता निरस्त हो गई।
सभापति ने परमेश्वर से मजाकिया लहजे में कहा कि ‘आप तो विधान परिषद के सदस्य ही नहीं हो, ऐसे में मैं आपका त्यागपत्र स्वीकृत नहीं करूंगा’, सभापति की इस टिप्पणी को लेकर परमेश्वर तथा उनके साथी कुछ क्षणों के लिए हक्के-बक्के रह गए। उसके पश्चात सभापति शंकरमूर्ति ने परमेश्वर को उपमुख्यमंत्री बनने की बधाई दी। विधान परिषद में सरकार के मुख्य सचेतक आइवन डिसूजा, पूर्व मंत्री एस.आर. पाटिल, विप सदस्य एस.एस. बोसराज उपस्थित थे। सभापति के साथ मुलाकात के पश्चात परमेश्वर ने कहा कि अब विधान परिषद की सदस्यता से त्यागपत्र देने की आवश्यकता नहीं है, इसलिए वे त्यागपत्र दिए बगैर ही लौट रहे हैं।
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चुनिंदा सीटों के इवीएम में हुई छेड़छाड़: परमेश्वर
भविष्य में मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग
बेंगलूरु. कांग्रेस ने हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में इवीएम में गड़बड़ी किए जाने की आशंका जताते हुए भविष्य में मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि इवीएम में गड़बड़ी हुई है, इसी कारण कांग्रेस उन सीटों में चुनाव हार गई जहां पर सालों से वह मजबूत स्थिति में रही है। बकौल परमेश्वर, ‘मैं यह नहीं कहता कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में इवीएम में घालमेल हुआ है, लेकिन कुछ सीटें हैं जहां कांग्रेस का 70 फीसदी से अधिक मत हिस्सा था, वहां पर भाजपा की बड़े अंतर से जीत हुई है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि इवीएम में गड़बड़ी हुई है। लिहाजा हम भविष्य में होने वाले चुनावों में मतपत्रों का इस्तेमाल फिर से शुरू करने की मांग करते हैं।Ó उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव से पूर्व इवीएम का दुरुपयोग किए जाने की संभावनाओं के बारे में शिकायत की थी और पार्टी अपने उस नजरिए पर आज भी कायम है। इसको लेकर जरूरी रणनीति बनाई जाएगी।

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