बैंगलोर

सर्दी में हृदय कर रहा है ज्यादा काम

सर्दी अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है। तापमान में उतार-चढ़ाव भी काफी ज्यादा है। गत दो सप्ताह में सांस लेने में घरघराहट, बुखार और गले में संक्रमण की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 20 फीसदी बढ़ी है। दिन और रात के तापमान में 12-14 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा का अंतर इसकी बड़ी वजह है।

बैंगलोरDec 05, 2019 / 05:15 pm

Nikhil Kumar

सर्दी में हृदय कर रहा है ज्यादा काम

– वायरल बुखार, सर्दी, जुकाम और सांस के मरीजों में 25 फीसदी इजाफा
– चिकित्सकों ने दी एहतियात बरतने की सलाह

बेंगलूरु.

सर्दी के बीच बारिश होने और दिन व रात के तापमान में ज्यादा गिरावट से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर देखा जा रहा है। सर्दी, खांसी और वायरल बुखार के मरीजों में 20-25 फीसदी इजाफा हुआ है। अस्थमा और सांस संबंधित अन्य बीमारियों के मरीज सहित बच्चे सबसे ज्यादा परेशान हैं। चिकित्सकों के अनुसार हृदय के मरीजों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देें।

विक्टोरिया अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जगदीश ने बताया कि बढ़ती सर्दी के साथ हृदय की बीमारियां भी परेशान कर सकती हैं। शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखने के लिए हृदय को ज्यादा काम करना पड़ता है। नसों में संकुचन से रक्त संचार प्रभावित होता है। हृदयघात का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। हृदय के मरीजों को चाहिए कि खानपान और रहन-सहन का विशेष ध्यान रखें।

ऐसे मौसम में चिकित्सकों ने एहतियात बरतने की सलाह दी है। एमएस रामय्या अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील ने बताया कि बदलते मौसम में बच्चों में सर्दी-खांसी का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। बच्चों में ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस और मध्य कान संक्रमण की शिकायतें बढ़ी हैं। गर्म कपड़े पहनें, बच्चों को गुनगुना पानी पिलाएं, बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें। जयनगर जनरल अस्पताल के डॉ. किशोर सी. ने बताया कि सूर्य की रोशनी ठीक से नहीं मिल पाने के कारण विभिन्न बैक्टीरिया और वायरस को आसानी से पनपने का मौका मिल रहा है। जोड़ों में दर्द के साथ वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। रक्तचाप बढऩा भी आम है।

12-14 सेल्सियस से ज्यादा का अंतर
केसी जनरल अस्पताल के डॉ. रघुनन्दन ने बताया कि सर्दी के साथ बारिश ने समस्या बढ़ाई है। तापमान में उतार-चढ़ाव भी काफी ज्यादा है। गत दो सप्ताह में सांस लेने में घरघराहट, बुखार और गले में संक्रमण की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 20 फीसदी बढ़ी है। दिन और रात के तापमान में 12-14 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा का अंतर इसकी बड़ी वजह है। दिन में तापमान 25 से 30 डिग्री और रात में 15 से 19 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज की गई है।

एंटीबॉयोटिक लेने से बचें
ब्रेन्स अस्पताल के कान, नाक और गला विशेषज्ञ डॉ. प्रह्लाद के अनुसार जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है वे जल्द ही सर्दी, जुकाम और बुखार की चपेट में आ जाते हैं। इससे बचने के लिए साफ-सफाई के विशेष ध्यान रखें। बार-बार हाथ को साबुन से धोएं। एंटीबॉयोटिक लेने से बचें। तकलीफ ज्यादा हो तो चिकित्सकीय परामर्श लें। सुबह उठकर चाय की तरह गरम पानी के सेवन से कान, नाक और गले को स्वस्थ रखा जा सकता है।

हवा, प्रदूषण का फेफड़ों पर बुरा असर
पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. अजीत बताते हैं कि ठंडी हवा व प्रदूषण का फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है। जिन लोगों को अस्थमा है, इस मौसम में उनकी तकलीफ बढ़ जाती है। धूल-मिट्टी से बचना बहुत जरूरी है। दवा खा रहे हैं तो उसे नियमित रूप से लें। कोई दवा चूकें नहीं।

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