scriptशिक्षा के लिए उफनती नदी पार कर स्कूल जाने की मजबूरी, 125 बच्चों का जोखिम भरा सफर, 2500 ग्रामीणों पर मौसम का कहर | 125 children cross the risky river and go to school | Patrika News

शिक्षा के लिए उफनती नदी पार कर स्कूल जाने की मजबूरी, 125 बच्चों का जोखिम भरा सफर, 2500 ग्रामीणों पर मौसम का कहर

locationबांसवाड़ाPublished: Aug 30, 2019 12:42:26 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Banswara latest hindi news : कुशलगढ़ के कोटड़ा पंचायत का मामला, शासन-प्रशासन मौन

शिक्षा के लिए उफनती नदी पार कर स्कूल जाने की मजबूरी, 125 बच्चों का जोखिम भरा सफर, 2500 ग्रामीणों पर मौसम का कहर

शिक्षा के लिए उफनती नदी पार कर स्कूल जाने की मजबूरी, 125 बच्चों का जोखिम भरा सफर, 2500 ग्रामीणों पर मौसम का कहर

बांसवाड़ा. राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा से सटी कुशलगढ़ उपखंड की कोटड़ा पंचायत के तीन गांव खूंटा, कुंडीया और महूडीफला के लोगों पर बारिश के इस मौसम में संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल, कोटड़ा से बाजना जोडऩे वाली सडक़ (खूंटा मार्ग) पर कोटड़ा गांव के पास रपट जीर्णशीर्ण हो चुकी है और रेंगनिया नदी में पानी आ जाने पर रपट पर कई कई दिन तक दो-दो, तीन-तीन फीट चादर चलने से तीनों गांवों के लोगों का संपर्क कुशलगढ़ से टूट जाता है।
ठप हो जाती है पढ़ाई
तीनों गांवों में कहीं पर भी उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं है। कक्षा 6 से 10 तक के बच्चों को कोटड़ा उच्च माध्यमिक विद्यालय जाना पड़ता है। लेकिन रपट पर पानी चलने से गांवों में तकरीबन 125 बच्चे स्कूल नहीं जा पाते और शिक्षा प्रभावित होती है। वहीं, प्राइमरी स्तर के विद्यालय गांव में होने के बाद भी बारिश का पानी विद्यालय संचालन में बाधा बनता है क्योंकि खूंटा, महुड़ीफला में अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षक कुशलगढ़ रहते हैं जो रपट पर अधिक पानी चलने के कारण विद्यालय नहीं जा पाते। पानी कम यानी दो फीट पानी होने पर वाहन खड़ा कर दो से तीन किमी पैदल चलकर पढ़ाने जाते हैं।
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सरकार को भी पता
कोटड़ा सरपंच भीमा मईड़ा ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों एवं सरकार को भी अवगत करा चुके हैं। तकरीबन दो माह पूर्व राज्यमंत्री अर्जुन ङ्क्षसह बामनिया को भी समस्या से अवगत कराया था। आलम यह है कि रपट पर पानी आने पर 15-15 दिन संपर्क टूट जाता है। इससे तीनों गांवो की तकरीबन 2500 आबादी प्रभावित होती है।
बच्चों पर मंडराता है संकट
कोटड़ा उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रधानाचार्य सीताराम कसोटिया ने बताया कि गांव के तकरीबन १२५ बच्चे हैं। रपट पर पानी आने के कारण विद्यालय की ओर से ही उन्हें स्कूल न आने की बात कह दी जाती है ताकि कोई समस्या न हो। इस कारण उन गांवों से स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या भी काफी कम है।
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