आवेदन के बाद संबंधित अधिकारी तय प्रारूप में अंक प्रदान करेंगे। विगत तीन शैक्षिक सत्र में नामांकन वृद्धि में योगदान पर 15 में से अंक दिए जाएंगे। तीन शैक्षिक सत्रों के परीक्षा परिणाम में प्रत्येक सत्र के 15 अंकों के अनुसार 45 अंकों में से आवेदक शिक्षक को पांचवीं और आठवीं में दिए परिणाम के अनुसार अंक दिए जाएंगे। अध्यापक-अभिभावक संपर्क में भूमिका पर अधिकतम पांच अंक, सह शैक्षिक गतिविधियों में सहयोग पर एक अंक, एक लाख से दस लाख तक जन सहयोग पर एक से पांच अंक दिए जाएंगे। ब्लॉक स्तरीय पुरस्कार पर एक, जिला पर दो, राज्य पर तीन, राष्ट्रीय पर चार व अंतराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार पर पांच अंक दिए जाएंगे। प्रशिक्षणों की उपस्थिति पर अधिकतम तीन अंक मिलेंगे।
पुरस्कार के लिए ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षक अपना आवेदन पीईईओ और शहरी क्षेत्र के शिक्षक बीईईओ या जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से दे सकेंगे। इसमें पीईईओ, बीईईओ या डीईओ आवेदक को तय मापदंड के अनुसार अंक प्रदान करेंगे। अंकों के आधार पर उसका चयन किया जाएगा। चयन में किसी भी प्रकार की अनियमितता पर संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी। शिक्षक के खिलाफ विभागीय जांच लंबित रहने, जांच में दोषी पाए जाने पर आवेदन स्वीकार नहीं होगा। इस संबंध में अनुशंसा करने वाले को आवेदक के जांच लंबित नहीं रहने या दोषी नहीं पाए जाने संबंधी टिप्पणी भी आवेदन पर करनी होगी।
विगत तीन शैक्षिक सत्र में नामांकन वृद्धि में योगदान। विगत तीन शैक्षिक सत्रों का परीक्षा परिणाम। अध्यापक- अभिभावक संपर्क में भूमिका। शैक्षणिक कार्य के साथ विद्यालय संचालन में सहयोग। जन सहयोग प्राप्ति में योगदान। गत पांच वर्षों में प्राप्त पुरस्कार। तीन वर्षों में सह शैक्षिक गतिविधियों में सहयोग। गत तीन वर्षों में प्राप्त प्रशिक्षण व प्रशिक्षण में उपस्थिति। नियमितता, जवाबदेही और समय पालन की स्थिति।